स्वतंत्र आवाज़, 21 मई, 2012
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन से सोमवार को केंद्रीय तिब्बती प्रशासन धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश की गृह मंत्री ग्यारी डोलमा ने सचिवालय में मुलाकात की। मुलाकात के दौरान डोलमा ने मुख्य सचिव से शरणार्थी तिब्बतियों के पुनर्वास पर चर्चा की। सहस्त्रधारा रोड पर लगभग 8 एकड़ भूमि पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने आंवटित की थी, इस भूमि पर 116 शरणार्थी तिब्बती परिवारों के लिए आवास बनाये जाने हैं। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी देहरादून की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के निर्देश दिये। समिति में एमडीडीए, और तिब्बतन रिलीफ समिति के लोग सदस्य होंगे। यह समिति पहले से ही तय किये गये लाभार्थियों को आवास आवंटित करने का कार्य करेगी।
मुख्य सचिव ने डोलमा को बताया की इस भूमि का अगर सही इस्तेमाल किया जाए तो इस पर 2 हजार लोगों का पुनर्वास किया जा सकता है। आर्किटेक्ट से ले आउट बनवाकर इस भूमि पर मल्टीस्टोरी कालोनी बनाई जा सकती है। भवन की ऊंचाई के मानक राज्य सरकार ने शिथिल किये हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार इस कार्य में उनकी पूरी मदद करेगी, साथ ही एडवांस के रूप में केंद्र सरकार ने जो धन देने के लिए कहा है, वह भी जल्दी ही अवमुक्त किया जायेगा। सचिव राजस्व इसका परीक्षण करके दो किस्तो में धनराशि उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि तिब्बतन रिलीफ कमेटी के पास जो इसके अतिरिक्त 3 एकड़ भूमि है, उसमें कम लागत के जनता फ्लैट बनाए जाएं। दलाई लामा सेंट्रल तिब्बतन रिलीफ कमेटी की उपाध्यक्ष ग्यारी डोलमा ने मुख्य सचिव को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया और दलाई लामा की लिखी नई पुस्तक भी भेंट की।