धर्मशाला। दलाईलामा की ओर से तिब्बत निर्वासित संसद के आग्रह को दूसरी बार नकारने के बाद निर्वासित संसद ने इस पर निर्णय के लिए पीएम प्रो. सामदोंग रिंपोछे के नेतृत्व में तीन सदस्यीय हाई पावर कमेटी का गठन किया है। कमेटी में निर्वासित संसद की उपाध्यक्ष डोलमा गैरी और सांसद हालमोकयाव भी शामिल हैं। बुधवार को तीन सदस्यीय कमेटी अपनी रिपोर्ट बजट सत्र में संसद के समक्ष पेश करेगी, जिस पर निर्वासित सांसद विस्तृत चर्चा कर अपना मत देंगे। इसके बाद सर्वसम्मति से ही इसका हल निकाला जाएगा।
हताश न हों: दलाईलामा
एक संदेश में दलाईलामा ने कहा कि तिब्बती समुदाय को हताश होने की जरूरत नहीं है। इस निर्णय के दूरगामी परिणाम होंगे, जिसका सीधा लाभ तिब्बती समुदाय को होगा। दलाईलामा ने कहा, उन्हें निर्वासित तिब्बतियों सहित तिब्बत में रहने वालों के फोन सहित विभिन्न माध्यमों से संदेश मिल रहे हैं कि वे इस निर्णय से चिंतित हैं।
उन्होंने कहा कि वे राजनीति से हटकर आध्यात्मिक गुरु के रूप में तिब्बतियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे। तिब्बत में पांचवें दलाईलामा ने ही राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता के रूप में दोहरी भूमिका की स्थापना की थी, मैंने उसी परंपरा का निर्वहन किया है। अब समय आ गया है कि मैं मात्र आध्यात्मिक गुरु के रूप में तिब्बतियों का मार्गदर्शन करूं और राजनीतिक भूमिका चुने हुए प्रतिनिधि को सौंप दी जाए।