नई दिल्ली । विदेश मंत्रालय ने केंद्रीय विश्वविधालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दलाई लामा को डॉक्टरेट की उपधि देने के प्रस्ताव पर खामोश है। विदेश मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इस बात का स्पष्ट संकेत दिये है कि चीन को नाराज करके दलाई लामा को डॉक्टरेट की उपाधि देने का यह उपयुक्त समय नही है। हालांकि , इससे पहले दलाई लामा को 1989 में शांति का नोबल पुरस्कार समेत लगभग आधा दर्जन दुनिया के प्रख्यात संस्थान सम्मानित कर चुके है। चीन और दलाई लामा के बीच का तनाव हमेशा से भारत -चीन रिश्ते को प्रभावित करता रहा है । चीन ने इससे पहले उनके अरुणाचल जाने और प्रधानमंत्री से मिलने पर भी आपत्ति जतायी थी। सूत्रों ने कहा कि दलाई लामा के लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है , लेकिन इस वक्त शांत चीन से पंगा लेना ठीक नही। दलाई लामा चीन से निकाले जाने के बाद से ही (1959) हिमाचल के धर्मशाला में रह रहे है।
दलाई लामा को डॉक्टरेट की उपाधि पर संशय
[शुक्रवार, 22 अक्तूबर, 2010 | स्रोत : HINDUSTAN]
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