प्रेस नोट, 07 जनवरी, 2017
विश्व को धार्मिक सहिष्णुता की जरुरत – दलाई लामा
परम पुज्य दलाई लामा के सान्निध्य में आज प्रात: बौद्ध गया में आयोजित काल चक्र पूजा के दौरान ऐतिहासिक सर्वधर्म संसद का आयोजन हुआ जिसमें परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी, अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक एवं प्रख्यात जैनाचार्य डा. लोकेश मुनि जी, अकाल तख़्त अमृतसर के प्रमुख जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह जी, मौलाना हाजी अब्दुल रहमान पटना, ब्रह्मकुमारी डा. बिन्नी सरीन, साध्वी भगवती जी एवं अनेक प्रख्यात धर्मगुरु उपस्थित थे|
परम पुज्य दलाई लामा ने एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जैन, बौद्ध, हिन्दू, मुस्लिम, सिख सहित सभी धर्मों का सार मानवता है, इंसानियत है| सभी धर्म अहिंसा, करुणा, दया, प्रेम व भाईचारे की बात करते हैं| धार्मिक सहिष्णुता मौजूदा समय की जरुरत है| उसी से दुनिया में शांति व सद्भावना की अभिवृद्धि हो सकती है|
आचार्य डा. लोकेश ने कहा बहुलतावादी संस्कृति भारत की मौलिक विशेषता है| अन्तर धार्मिक संवाद से उसे बल मिलता है| वैचारिक प्रदुषण पर्यावरण प्रदुषण से भी अधिक खतरनाक है| सभी धर्मों का सार प्रेम व भाईचारा है, नफरत व घृणा नहीं|
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा स्वच्छता व स्वस्थ्य का गहरा सम्बन्ध है| बाह्य व आतंरिक दोनों तरह की स्वच्छता जरुरी है| उन्होंने कहा ऐसे अंतर धार्मिक सम्मलेन सामाजिक समरसता व सौहार्द को बढावा देते है जिसकी आज विश्व को बहुत जरुरत है|
जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा गुरुनानक देव जी की बानी में मनुष्य जाति एक है अत: उसे जाति, सम्प्रदाय या आमिर गरीब के आधार पर किसी को उच्च, नीच मानकर भेदभाव नहीं करना चाहिए| उन्होंने गुरु गोविन्द सिंह जी के प्रकाशोत्सव के अवसर पर सर्व धर्म संसद को ऐतिहासिक बताया| इस अवसर पर श्री कुलदीप सिंह भोगल व श्री परमजीत सिंह चंडोक भी उपस्थित थे| मौलाना हाजी अब्दुल रहमान पटना ने भी अपने विचार व्यक्त किये|
परम पुज्य दलाई लामा ने अंगवस्त्र ओढ़ाकर सभी धर्मगुरुओं व प्रतिनिधियों का स्वागत किया| स्वामी चिदानंद जी ने पीपल का पौधा दलाई लामा को भेंट किया| साध्वी भगवती जी ने ग्लोबल इंटरफेथ वाश अलायंस के बारे में जानकारी देते हुए आभार व्यक्त किया|
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