07 मई 2011
हम आपने आंतरिक मूल्यों पर जो ध्यान देते हैं वहीं सुखी जीवन का सबसे बड़ा स्रोत है।
04 मई 2011
इंसान होने के नाते हम सब एक हैं। हमारे बीच किसी भी तरह की दीवार की जरूरत नहीं है।
01 अप्रैल 2011
इंसान में दो गुणों का होना बहुत जरूरी है। पहला , अच्छा व्यवहार और दूसरा एक अच्छा दिल।
01 अप्रैल 2011
दूसरों की मदद करना जरूरी है। सिर्फ प्रार्थना के माध्यम से ही नहीं , बल्कि रोजाना जिंदगी में।
16 मार्च 2011
सामान्य तौर पर मैं सोचता हूं कि गुस्सा कमजोरी का और सहनशीलता मजबूती का प्रतीक है।
15 फरवरी 2011
जब हम बुद्धि और दया भाव से प्ररित होकर कोई काम करते हैं , तो हमारे काम से दूसरों को फायदा होता है।
27 जनवरी 2011
किसी और को प्यार करने से पहले खुद से प्यार करना सीखें। अगर हम खुद को प्यार नहीं कर सकते , तो दूसरों को कैसे करेंगे ?
26 जनवरी 2011
हमारा मानवीय अस्तित्व ही दूसरों की सहायता पर निर्भर है , इसलिए प्यार की जरूरत हमारे अस्तित्व की आधारशीला है।
22 जनवरी 2011
हम गुस्से और नफरत को सिर्फ दबाकर नहीं खत्म कर सकते हैं। इसके नाश के लिए हमें अपने अंदर धैर्य और उदारता को विकसित करना होगा।
10 जनवरी 2011
दढ़ निश्चय और आशावाद बेहतर भविष्य के अहम घटक हैं।
03 जनवरी 2011
दया आध्यात्मिक जीवन की सबसे जरूरी चीज है।
29 दिसंबर 2010
एक लेवल पर दुनिया के सभी धार्मिक परंपराओं का उद्देश्य समान होता है। पता है क्या – व्यक्ति के अंदर पॉजिटिव भावनाओं का संचार करना।
15 दिसंबर 2010
अगर अपनी अच्छी चीजों जैसे धन अथवा सेहत का उपयोग दूसरों की मदद करने में करेंगे , तो इससे हमारी अपनी जिंदगी भी खुशनुमा होगी।
12 दिसंबर 2010
एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ दिमाग रहता है।
30 नवंबर 2010
दुनिया के सभी बड़े धर्म प्यार , भाईचारा और क्षमा का संदेश देते हैं।
28 नवंबर 2010
स्वस्थ शरीर और स्वस्थ दिमाग के लिए दिमाग की शांति जरूरी है। इसलिए शांत दिमाग और ठंडा दिमाग बहुत जरूरी है।
26 नवंबर 2010
हम धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति हैं या नहीं यह कोई खास मायने नहीं रखता है। पर हमे अपने आंतरिक मूल्यों को विकसित करने की हमेशा कोशिश करनी चाहिए।
23 नवंबर 2010
कुछ इच्छाएं बहुत अच्छी और पॉजिटिव होती हैं , जैसे : खुशी की चाहत , शांति की चाहत , आपसी मेल – जोल और मैत्रीपूर्ण संसार की चाहत।
19 नवंबर 2010
दूसरे के नजरिये का अध्ययन करने से बेहतर है कि हम दुनिया को एक नए दृष्टिकोण से देखने की कोशिश करें।
21 अक्टूबर 2010
सच्ची दया का भाव कभी बदल नहीं सकता , भले ही आपके सामनेवाला आपसे दुर्व्यवहार ही क्यों न कर रहा हो।
20 अक्टूबर 2010
पेशंस का सबसे बड़ा फायदा इस बात में है कि यह गुस्से की तकलीफ के लिए जहर का काम करता है।
10 अक्टूबर 2010
अगर आपमें सच्चाई है और आप खुले दिल के हैं तो आप स्वभाविक रूप से अपनी कीमत महसूस करेंगे और आपमें कॉन्फिडेंस आएगा और तब किसी दूसरे से डरने की कोई जरूरत नहीं।
8 अक्टूबर 2010
यूनिवर्सल रिस्पॉन्सिबिलिटी का सेंस विकसित करना हमें सबके प्रति संवेदनशील बनाता है न कि केवल उनके लिए जो हमारे करीब होते हैं।
7 अक्टूबर 2010
एक बार हमारा मन शांति और आनंद से भर जाए , फिर हमारे कार्य ज्यादा असरदार हो सकते हैं।
02 अक्टूबर 2010
दुख या परेशानी से हमें सही अर्थों में धैर्य या सब्र का मतलब सीखा सकते हैं।
28 सितंबर 2010
अगर हम खुद को अंदर से बदल लें और निगेटिव थॉट्स और इमोसंस का मुकाबला रचनात्मक ढंग से करने लगें तो दुनिया बदल सकते हैं।
20 सितंबर 2010
आंतरिक खुशी आर्थिक परिस्थितियों या भोग विलास से मिलने वाली खुशी का मोहताज नहीं होती। आंतरिक खुशी तो हमारे दिमाग पर निर्भर है।
17 सितंबर 2010
जब हम ईमानदारी के प्रति संकल्पित है , तो हम समाज से गलतफहमी , भ्रम और डर के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
31 अगस्त 2010
आत्मविश्वास और दृढ़ता काफी जरूरी हैं। खुद को डिप्रेस्ड महसूस करने और उम्मीद का दामन छोड़ देने से स्थिति और खराब ही होगी सुधरेगी नहीं।
19 अगस्त 2010
प्रार्थना से नहीं आती शांति। हम इंसानों को शांति का निर्माण करना होगा।
17 अगस्त 2010
हमारे कॉमन और डेलिकेट इकॉलजी को संरक्षित रखने के उपायों पर विचार करने के लिए सम्मिलित अंतरराष्ट्रीय प्रयास की जरूरत है।
14 अगस्त 2010
जिस समाज में भौतिक समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति – दोनों साथ – साथ चलें उसी समाज में सच्चा सुख संभव होता है।
17 जुलाई 2010
आइए प्रेम और दया को बढ़ावा दें। दोनों हमें जीवन का सही मतलब समझने में सहायता करते हैं।
13 जुलाई 2010
समस्या को सुलझाने के लिए हमें भाईचारे की भावना से कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए मेल – मिलाप और बीच का रास्ता अपनाना होगा।
12 जुलाई 2010