हिंदीलोग, 10 फरवरी 2012
धर्मशाला। दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ मुहिम चलाने वाले आर्कबिशप डेसमंड टूटू ने शुक्रवार को कहा कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा अलगाववादी नहीं हैं। उनके पास कोई सेना नहीं है और वह बंदूक के बल पर अपने लोगों पर शासन नहीं कर सकते। दलाई लामा का हवाला देते हुए टूटू ने चीन के बारे में अपने ये विचार रखे। टूटू अपने पुराने मित्र दलाई लामा से मिलने धर्मशाला आए हैं।
इस मौके पर निर्वासित तिब्बती सरकार द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक समारोह को सम्बोधित करते हुए टूटू ने कहा, “मैं चीन की सरकार से यह कहना चाहता हूं कि दलाई लामा इस धरती पर शांति पसंद करने वाले लोगों में से एक हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं चीन की सरकार से कहना चाहता हूं कि दलाई लामा के पास कोई सेना नहीं है। वह बंदूक के बल पर अपने लोगों पर शासन नहीं कर सकते। वह अलगाववादी नहीं हैं।”
तिब्बत के लोगों के लिए और स्वायत्तता की मांग करते हुए टूटू ने कहा, “बीजिंग के नेताओं से मेरी अपील है कि पीपुल्स रिपब्लिक आफ चाइना के संविधान के अनुरूप वे तिब्बत का स्वरूप बनने दें। संविधान तिब्बती नागरिकों को और स्वायत्तता देता है। दलाई लामा और तिब्बती नागरिक भी यही चाहते हैं।”
तिब्बती लोगों को सम्बोधित करते हुए टूटू ने कहा, “हम आप लोगों से तिब्बत में मिलेंगे। हम एक स्वतंत्र तिब्बत में प्रवेश करेंगे।”