जागरण, 9 मार्च 2019
वाराणसी, जेएनएन। पीएम नरेंद्र मोदी की काशी से तिब्बत को आजादी दिलाने की मांग, क्रांति दिवस की पूर्व संध्या से सारनाथ से उठी है। आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने तिब्बत की आजादी के लिए अपनी मांगों को बुलंद किया। प्रो. दीपक मलिक ने कहा कि चीन के आर्थिक संकट में काफी कमी आयी है। चीन कभी भी राष्ट्रवादी नहीं रहा है, चीन पूर्ण रूप से पूंजीवादी है। उक्त बातें तिब्बती क्रांति दिवस के पूर्व संध्या पर सारनाथ के तिब्बती बौद्ध मंदिर में तिब्बत मुक्ति आंदोलन के तत्वावधान में “भारत तिब्बत सम्बन्ध व दिशा” विषयक सगोष्ठी में शनिवार को मुख्य अतिथि पद से कही।
उन्होंने कहा कि तिब्बत व भारत के अच्छे सम्बन्ध है। तिब्बत हमारे लिए बहुत प्रिय है। तिब्बत को आजाद करने के लिए विश्व को समझना होगा। साहित्यकार डॉ. नीरजा माधव ने कहा कि तिब्बत की आजादी तिब्बत के लिए नहीं बल्कि भारत के लिए भी जरूरी है। तिब्बत की आजादी के लिए पूरे विश्व को एक होने की जरूरत है। विजय नारायण सिंह ने कहा कि तिब्बत की आजादी के लिए भारत के लोगों को भी आगे आने की जरूरत है।
शुरू से ही तिब्बत राष्ट्र संघ का सदस्य होता तो आज तिब्बत आजाद होता। अध्यक्षता केंद्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान के कुलपति प्रो0 नवांग समतेंन ने किया। संचालन डॉ. राम सुधार सिंह व धन्यवाद ज्ञापन तेनज़िंग नीमा नेगी ने किया। इस मौके पर सुरेन्द्र प्रताप, ओकर नाथ दुबे, शिडोंन, सुनील कुमार, नीरज चौबे, नवांग गलछेन नेगी, नवांग टेन्फेल, अन्य लोगो ने अपने विचार रखे।
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