अमर उजाला, 23 अक्टूबर 2018
चीन से तिब्बत की मुक्ति के अभियान को लेकर निर्वासित तिब्बती सरकार के सांसदों ने नई मुहिम शुरू की है। इसके तहत निर्वासित तिब्बती संसद के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को अपना पांच सूत्रीय अनुरोध पत्र भी प्रस्तुत किया।
इसके माध्यम से उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया कि जब भी भारत और चीन सरकार के बीच कोई बैठक हो तो चर्चा में तिब्बत के मसले को भी शामिल किया जाए। इसके अलावा धर्मगुरु दलाईलामा और चीनी सरकार के दूतों के बीच बातचीत फिर से शुरू करने को समर्थन देने का रास्ता निकालने, तिब्बत के प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण के लिए चर्चा और तिब्बत की स्वाधीनता के लिए चीन की सरकार समुचित विचार करे।
इसके अलावा तिब्बती जनता की भाषाई विरासत और संस्कृति को नष्ट होने से बचाने, चीन को इस बात के लिए मनाया जाए कि वे ऐसे अत्याचार बंद करे। उन्होंने आग्रह किया कि भारतीय संसद, राज्य विधानसभाओं एवं अन्य संस्थाओं की ओर से तिब्बत मसले पर प्रस्ताव पारित कर अभियान शुरू कर सहयोग करें। प्रतिनिधिमंडल में निर्वासित तिब्बती संसद के सांसद दावा शेरिंग, जामपल तेनजिंग, ताशी धोनडुप तथा सेमतन कोइदुन शामिल थे।
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