धर्मशाला। निर्वासित तिब्बती संसद के सदस्यों-गेशे मोनलम थारचिन, लग्यारी नामग्याल डोलकर,छेनेछांग धोंडुप ताशी और फुरपा दोरजी ग्यालधोंग के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने ओपन गवर्नमेंट पार्टनरशिप (ओजीपी)ग्लोबल समिट-२०२३ में एस्टोनियाई प्रधानमंत्रीकाजा कलास और अन्य गणमान्य नेताओं से मुलाकात की।
०६ सितंबर, २०२३ को ओजीपी ग्लोबल समिट-२०२३ का मुख्य कार्यक्रम एस्टोनिया के तेलिन में टेलिस्कीवी लूमेलिनक हॉल में आयोजितहुआ। इस कार्यक्रम में एस्टोनिया के प्रधानमंत्रीकाजा कलास औरकोसोवो के प्रधानमंत्रीएल्बिन कुर्तीका संबोधन हुआ। इसके उपरांत अमेरिकीविदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन,यूक्रेन के प्रधानमंत्रीडेनिस श्माइहाई,मलावी के राष्ट्रपतिलाज़रस चकवेराऔर डोमिनिकन गणराज्य के राष्ट्रपतिलुइस अबिनैडरका आभासी संबोधन हुआ।
कार्यक्रमों की शृंखला में आगे तिब्बती संसदीयप्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया और चीनी कम्युनिस्ट सरकार के तहत तिब्बत के महत्वपूर्ण मुद्दे को उजागर करने के लिए हर उपलब्ध अवसर का लाभ उठाया। कार्यक्रम से इतरसांसदों ने तिब्बत में चीन की दमनकारी नीतियों के तहत तिब्बती पहचान के विनाश, निर्वासितकेंद्रीय तिब्बती प्रशासनऔर अन्य के कामकाज, तिब्बती संसद के कामकाज पर दुनिया भर की सरकारों और आईएनजीओ के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।
ओजीपी शिखर सम्मेलन से इतर तिब्बती सांसदों ने ०७ सितंबर को २०२१कीनोबेल शांति पुरस्कार विजेता फिलिपिनो और अमेरिकी पत्रकार मारिया एंजेलिटा रेसा से मुलाकात की। नोबेल पुरस्कार विजेता ने याद कियाकि परम पावन दलाई लामा ने नोबेल पुरस्कार मिलने पर उन्हें कैसे बधाई दी थी और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए नोबेल समिति के फैसले और उनके काम की सराहना की थी।नोबेल पुरस्कार विजेता ने तिब्बती प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात के लिए आभार व्यक्त किया और उनकी सराहना की।
तिब्बती संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के पूर्व प्रतिनिधि और तिब्बत समर्थक जैकी स्पीयर से भी मुलाकात की और तिब्बतियों के स्वतंत्रता संग्राम में उनके अटूट समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया। पूर्व प्रतिनिधि ने तिब्बती सांसदों के आग्रह परउन्हें निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया और उनसे मुलाकात की सराहना की।
प्रतिनिधिमंडल को उसी शाम कोएस्टोनिया के प्रधानमंत्रीकाजा कलास से मिलने और ओजीपी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री को अवगत कराने का अवसर मिला। उन्होंने प्रधानमंत्रीकोतिब्बत के अंदर की चिंताजनक स्थिति, बौद्ध धर्म और बॉन परंपराके चार संप्रदायों, तिब्बती पठार के पर्यावरणीय महत्व आदि का संक्षिप्त परिचय भी दिया। उन्होंने स्वतंत्र तिब्बत की तत्कालीन सरकार द्वारा वित्त मंत्री छेपोन वांगचुक डेडेन शाकाब्पा को जारी ऐतिहासिक शाकाब्पा पासपोर्ट और तिब्बत के मुद्दे से जुड़े अन्य टीपीआईई दस्तावेज़की एक प्रति भी भेंट की।
शिखर सम्मेलन के समापन के बादतिब्बती टीम ने यूएसएआईडी के प्रशासक और संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत सामंथा पावर और ओजीपी के सीईओ संजय प्रधान से मुलाकात की। तिब्बती प्रतिनिधिमंडल ने ओजीपी की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त किया और उन्हें तिब्बती औपचारिक स्कार्फ (कथा) भेंट किया। शिखर सम्मेलन में तिब्बत, ताइवान और अन्य १०० देशों के प्रतिनिधियों सहित २००० प्रतिभागियों ने भाग लिया।