ब्रुसेल्स। २९ जून २०२३ को एक तिब्बती संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने बेल्जियम में वहां की विदेश मंत्रालय के विकास सहयोग के मानवाधिकार अनुभाग की अधिकारी हेलेना बर्ज से मुलाकात कर तिब्बत के पक्ष में बातें रखी। प्रतिनिधिमंडल में सांसद खेंपो जम्फाल तेनज़िन, लोपोन थुप्टेन ग्यालछेन और दोरजी छेतेन शामिल थे। उनके साथ प्रतिनिधि रिगज़िन चोएडन जेनखांग और तिब्बत ब्यूरो के सचिव थिनले वांगड्यू भी थे। बैठक के दौरान अधिकारी को चीन के कब्जे वाले तिब्बत में मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता की बिगड़ती स्थिति और तिब्बत के स्वतंत्र राष्ट्र होने के ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने उन्हें केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की मध्यम मार्ग नीति के बारे में भी जानकारी दी, तिब्बत पर किताबें और दस्तावेज़ भेंट किए, और एक प्रश्नोत्तर सत्र रखा।
इसके बाद, प्रतिनिधियों ने बेलारूसी राजनीतिज्ञ स्वियातलाना त्सिखानौस्काया को बुलाया और उन्हें तिब्बत के पक्ष में दस्तावेज़ सौंपे। प्रतिनिधियों ने यूरोपीय संसद के विदेश मामलों के चीन प्रभाग की प्रमुख सुश्री निकोलेटा पुस्तरला और ईईएएस के नीति अधिकारी श्री गार्ग्या के साथ भी बैठकें कीं और चीन-तिब्बती संघर्ष के समाधान पर चर्चा की।
दोपहर में प्रतिनिधिमंडल ने यूरोपीय संघ की संसद के सदस्य और कैटेलोनिया के पूर्व राष्ट्रपति कार्ल्स पुइगडमोंट से शिष्टाचार मुलाकात की। उन्होंने यूरोपीय संघ के सांसद से तिब्बत-चीन संघर्ष का मुद्दा उठाने और यूरोपीय संसद में तिब्बत मुद्दे के लिए एक विशेष समन्वयक नियुक्त करने की अपील की और तिब्बत की वर्तमान स्थिति और यूरोपीय संसद की जिम्मेदारियों से अवगत कराया।
सांसद ने उल्लेख किया कि तिब्बत के सामने आने वाली समस्याएं चीन की तिब्बती नस्ल को खत्म करने की भयानक नीति से उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने चीन के खिलाफ तिब्बतियों के लिए अपने अटूट समर्थन का आश्वासन दिया। तिब्बत और कैटेलोनिया के संघर्षों के बीच समानता बताते हुए सांसद ने यूरोपीय संसद में तिब्बत की स्थिति पर सवाल उठाने का वादा किया।
शाम को प्रतिनिधियों ने सांसद और तिब्बत हित समूह के अध्यक्ष मिकुलस पेक्सा से मुलाकात की और आम हितों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सांसद ने तिब्बती प्रतिनिधियों को इस उद्देश्य में अपने योगदान के बारे में जानकारी दी और अपनी भविष्य की योजनाओं से अवगत कराया।