धर्मशाला। तिब्बत की निर्वासित संसद ने मंगलवार को अपने आध्यात्मिक नेता के राजनीतिक प्रमुख पद पर बने रहने पर सहमति जताई। इस बीच तिब्बती कैबिनेट ने दलाई लामा के सेवानिवृत्ति के फैसले को स्वीकार कर लिया। नेबेल पुरस्कार विजेता आध्यात्मिक नेता ने 10 मार्च को घोषणा की थी कि वह निर्वासित सरकार के राजनीतिक प्रमुख का पद छो़डना चाहते हैं और अपनी यह जिम्मेदारी अगले प्रधानमंत्री को सौंपना चाहते हैं।
तिब्बती संसद की कार्यवाही शुरू होने के दूसरे दिन निर्वासित प्रधानमंत्री समधोंग रिनपोचे ने कहा, “”हमें भारी मन से आध्यात्मिक नेता के राजनीतिक प्रमुख के पद से सेवानिवृत्ति के फैसले को स्वीकार करना होगा।”” उन्होंने कहा कि कैबिनेट के सात सदस्यों ने दलाई लामा के फैसले को बिना विरोध के स्वीकार कर लिया। दलाई लामा के कार्यालय के सूत्रों ने हालांकि कहा कि इस मुद्दे पर गुरूवार को संसद में फिर चर्चा होगी। एक संसद सदस्य उग्न टोपग्याल ने कहा कि अधिकतर सदस्यों ने दलाई लामा के फैसले के विरोध में मत व्यक्त किया।
सूत्रों के अनुसार इस मसले पर मतदान भी कराया जा सकता है। निर्वासित संसद में 43 में से 37 सांसदों ने हिस्सा लिया। संसद सत्र 25 मार्च तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि तिब्बत की नई संसद के लिए चुनाव 20 मार्च को होगा।
तिब्बती संसद ने जताई दलाई लामा के पद पर बने रहने पर सहमति
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