दैनिक जागरण, 10 जून 2015
जागरण संवाददाता, मैक्लोडगंज : निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांग्ये का कार्यकाल अभी बेशक एक वर्ष हो लेकिन इस पद के लिए अभी से ही दावेदारी शुरू हो गई है। बुधवार को इस पद के लिए कर्नाटक के ताशी बांगडू दावा जताएंगे और वह मैक्लोडगंज पहुंच चुके हैं।
इस दावे के साथ ही इस महत्वपूर्ण चुनाव के लिए सुगबुगाहट शुरू हो गई है। वर्तमान में डॉ. लोबसांग सांग्ये प्रधानमंत्री हैं। वह वर्ष 2011 में तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री चुने गए थे। वह प्रधानमंत्री चुनने के बाद ही सुर्खियों में आ गए थे। इसका कारण तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा द्वारा अपनी राजनीतिक शक्तियों का हस्तांतरण करना था। इससे पहले धार्मिक व राजनीतिक शक्तियां दलाईलामा के पास ही होती थीं। डॉ. सांग्ये के कार्यकाल के शुरुआत में ही दलाईलामा ने अपनी सभी राजनीतिक शक्तियां प्रधानमंत्री को दे दी थीं।
निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री के लिए तीन चरण में चुनाव होता है। इसमें भारत सहित अन्य देशों में रहने वाले करीब 70 हजार तिब्बती भाग लेंगे। इस बार चुनाव की प्रक्रिया सितंबर में इसी वर्ष शुरू हो जाएगी तथा अगले वर्ष अप्रैल तक यह पूरी हो जाएगी। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के चुनाव आयोग ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। छह जून को चुनाव के लिए दो अतिरिक्त चुनाव आयुक्त भी तैनात किए गए हैं। पिछले वर्ष इस पद के लिए तीन दावेदार सामने आए थे। डॉ. लोबसांग सांग्ये दो बार ही प्रधानमंत्री रह सकते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि वह भी जल्द ही दावेदारी पेश करेंगे।
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