धर्मशाला,14 मई । तिब्बत के निर्वासित सरकार के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री लोबसंग सांग्ये का यहां पहुंचे पर भव्य स्वागत किया गया । मेक्लोडगंज पहुंचे सांग्ये ने दलाई लामा के तिब्बत लौटने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसात्मक आंदोलन का समर्थन भी किया।
लोबसंग सांग्ये के आगमन की सूचना मिलते ही निर्वासित तिब्बती भारी संख्या में कांगडा एयरपोर्ट पहुंचने शुरु हो गए थे। अमेरिका की हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के लॉ स्कूल के पूर्व छात्र रहे डॉ. लोबसंग सांग्ये का कहना है कि तिब्बत समस्या हल के लिए चीनी शीर्षस्थ नेतृत्व से वार्ता का दौर पुन शुरु करना उनकी प्राथमिकताओं में शुमार है। डॉ. लोबसंग ने कहा कि तिब्बत मसले पर हमारा दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट है कि इसके लिए चीनी सरकार से तिब्बत मसले पर कहीं किसी भी समय वार्ता के लिए तैयार है। तिब्बत निर्वासित सरकार की स्वायत तिब्बत की स्पष्ट नीति को लोबसंग ने चीनी प्रशासन के समक्ष सीधे तौर पर उठाने की अपनी वचनबद्धता दोहराई है। इसके बाद तिब्बती सविधान के अनुसार संबंधित बदलाव किए जा सकते है। हम इंतजार करेंगे कि इस पर चीनी प्रशसन की प्रतिक्रिया क्या रहती है। पूर्व में लोबसंग सांगये तिब्बतियन यूथ कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते हुए तिब्बत की पूर्ण आजादी की मांग भी जोर -शोर से उठा चुके है। दलाई लामा के निर्णय पर अंतिम मोहर के लिए 21 से आंरभ होने वाली बैठक में भाग लेंगे। डॉ. लोबसंग 15 अगस्त 2011 को निर्वासित सरकार के सीधे तौर पर निर्वाचित तीसरे प्रधानमंत्री के रुप में एंव गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी।
तिब्बती प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत ।
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