30नवंबर, 2022
धर्मशाला।एक विश्वसनीय सूत्र के अनुसार, अक्तूबर 2022की शुरुआत में चीनी अधिकारियों द्वारा न्गाबा (चीनी: अबा) स्थित कीर्ति मठ के एक तिब्बती भिक्षु लोबसांग चोफेल को ढाई साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
सूत्र के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने उन्हें इस साल की गर्मियों में गिरफ्तार किया और अक्तूबर में सजा सुनाए जाने तक उन्हें हिरासत में रखा। सूत्र का कहना है कि इस समय उनकी गिरफ्तारी का कारण, उनका वर्तमान ठिकाना और हाल-चाल अज्ञात है।
2011 में लोबसांग चोफेल को ‘देशभक्तिपूर्ण शिक्षा अभियान’ या ‘कानूनी शिक्षा’ का विरोध करने के कारण गिरफ्तार किया गया था।केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने बताया कि चीनी अधिकारियों ने मठ में सामान्य धार्मिक गतिविधियों पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध के साथ-साथ भिक्षुओं को कानूनी शिक्षा ग्रहण करने के लिए मजबूर किया हुआ है। देशभक्ति शिक्षा सत्र के एक भाग के रूप में तिब्बतियों को परम पावन दलाई लामा की निंदा करने के लिए मजबूर किया जाता है।
लोबसांग चोफेल पारंपरिक अम्दो प्रांत के न्गाबा (च: आबा) तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर में चाखोग चुक्लेगैप के रहने वाले हैं। उनके माता-पिता गत्से और नेकी हैं और बचपन से ही वे कीर्ति मठ में एक भिक्षु के रूप में रहे हैं। उनके छोटे भाई लोबसांग, जो कीर्ति मठ के एक भिक्षु थे, पहले ही चीनी पुलिस ने कैद कर लिया था।