Parda Phash, 3 फरवरी 2012
धर्मशाला | भारत में तिब्बत की निर्वासित संसद ने शुक्रवार को यहां रह रहे तिब्बती समुदाय से कहा है कि वे तिब्बत में बलिदान देने वालों की याद में तिब्बती नए साल ‘लोसर’ पर समारोह न मनाएं।
निर्वासित संसद ने एक बयान जारी कर कहा, “हम तिब्बत में रह रहे लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हैं, जो नगाबा, तावू, चाम्डो, कारजे, गोलोग दरलाग तथा अन्य तिब्बती क्षेत्रों में चीनी सुरक्षा बलों द्वारा की गई नाकेबंदी के कारण परेशानी झेल रहे हैं।”
बयान में कहा गया है कि तिब्बत में रह रहे लोगों की गम्भीर स्थिति से दुनिया को अवगत कराने के लिए तिब्बती संसद के प्रतिनिधि नई दिल्ली स्थित कई विदेशी दूतवासों में भी गए और सम्बद्ध देशों के संसद से चीन पर दबाव डालने की अपील की।