20 मार्च 2011 धर्मशाला। तिब्बती नागरिकों ने निर्वासित तिब्बती सरकार के नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए रविवार को विश्व भर में मतदान किया। तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा द्वारा राजनीति से सेवानिवृत्ति लेने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने से इंकार करने के बाद यह मतदान हुआ है। प्रधानमंत्री पद के लिए तीन उम्मीदवार लोबसांग सिंगे, तेनजिन नामग्याल तेथोंग और ताशी वांगदी चुनाव मैदान में हैं। प्रधानमंत्री पद के चुनाव के लिए भारी संख्या में पुरुष और महिलाएं 10 मतदान केंद्रों पर आते दिखाई दिए। मतदाता अपने हाथों में मतदाता पहचान पत्र लहरा रहे थे। सिंगे हारवर्ड लॉ स्कूल में वरिष्ठ सदस्य हैं। तेथोंग अमेरिका में रहते हैं। वांगदी ब्रसेल्स, न्यूयार्क और नई दिल्ली में दलाई लामा के प्रतिनिधि रह चुके हैं। वर्ष 2010 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों के नाम के चयन के लिए हुए मतदान में सिंगे का नाम प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में सबसे आगे था। दलाई लामा द्वारा राजनीति से सेवानिवृत्ति लेने की घोषणा के बाद उनका प्रधानमंत्री बनने की सम्भावना सबसे ज्यादा है। प्रधानमंत्री का चुनाव करने के अलावा मतदाता निर्वासित संसद के 43 सदस्यों का भी चुनाव करेंगे। चुनाव के परिणाम 27 अप्रैल को घोषित किए जाएंगे। दलाई लामा मतदाता नहीं हैं। ज्ञात हो कि भारत में रहने वाले 83,000 से अधिक तिब्बयिों ने मतदान में हिस्सा लिया। भारत में मतदान शाम पांच बजे समाप्त हुआ। अमेरिका और यूरोप में चुनावी प्रक्रिया चल रही है। इन देशों के अलावा जापान, रूस और आस्ट्रेलिया में भी मतदान हुआ। चुनाव अधिकारी जाम्फेल चोसंग ने कहा कि नेपाल और भूटान में अधिकारियों ने चुनाव पर रोक लगा दी। कुछ तिब्बतियों ने कहा कि चीन के दबाव के चलते इन देशों में मतदान नहीं हो सका। |
तिब्बतियों ने नए प्रधानमंत्री के लिए किया मतदान
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