केंन्द्रीय लघु उधोग मंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि तिब्बतियों के बेनामी जमीनी सौदों को नियमित कर देना चाहिए । उन्होंने करमापा मामले में हिमाचल पुलिस की कार्रवाई को गलत करार दिया है। उनका कहना है कि एक लाख तिब्बति नागरिक हमें क्यों चुभने लग पडे है। उन्होंने कहा कि हिंदोस्तान में पैदा हुए तिब्बती समुदाय के लोग अब भारतीय नगारिकता के भी हकदार है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि बौद्ध धर्म में तीसरे पायदान के महागुरु करमापा को हिमाचल पुलिस बदनाम कर रही है। उनका कहना है कि तिब्बतियों की बढाती हुई संख्या को देखते हुए हिमाचल में उन्हें और जमीन दी जानी चाहिए । केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को दिल्ली से शाहपुर के बोह में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कांगडा पहुंचे । इस दौरान गगल एयरपोर्ट में पत्रकारवार्ताके दौरान केंद्रीय मंत्री ने करमापा मामले पर हो रही कार्रवाई के लिए जांच एजेंसियों को खूब खरी – खोटी सुनाई । वीरभद्र सिंह ने कहा कि बौद्ध धर्म के सर्वाच्च गुरु दलाई लामा देश के सम्माननीय मेहमान है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि करमापा चीन के जासूस नही है। वह तो केवल धर्मगुरु है । वीरभद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल पुलिस अव्यावहारिक कार्रवाई करके करमापा का नाम उछाल रही है। उनका कहना है कि वह जांज का विरोध नहीं करते , लेकिन इसके साथ गरिमा का भी ध्यान रखना चाहिए । उन्होंने कहा कि तिब्बतियों को उम्मीद है कि तिब्बत में भी लोकतंत्र बहाल होगा और वह अपने वतन लौटेंगे । वीरभद्र सिंह का कहना है कि पांच दशक पहले तिब्बती समुदाय के लोग मजबूरी में आए थे । उन्होंने कहा कि इन मेहमानों को अब बढती आबादी के साथ जमीन की भी जरुरतें पडनी लगी है। उन्होंने कहा कि तिब्बतियों को जरुरत अनुसार जमीन तथा अन्य सुविधाएं देना राज्य का दायित्व है। उनका कहना है कि अगर प्रदेश सरकार उन्हें जमीन नहीं देगी , तो बेनामी डील करना उनकी मजबूरी है। वीरभद्र का कहना है कि प्रदेश भर में बेनामी लैंड डील हो रही है । ऐसे में सिर्फ तिब्बतियों को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। वहीं केद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल से उनका स्टेटस पूछा है । उनका कहना है कि तिब्बतियों का स्टेटस पूछने वाले मुख्यमंत्री पहले अपना स्टेटस बताएं कि वह हिमाचली है या पंजाबी। करमापा करंसी मामले में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वीरभद्र सिंह ने कहा कि धूमल सरकार तिब्बतियों पर ज्यादती कर रही है।
तिब्बतियों के कब्जे पक्के करे सरकार।
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