नई दिल्ली ,लोसं। तिब्बत में चीन द्वारा की जा रही ज्यातियों के खिलाफ भारत में बसे तिब्बती शरणार्थियों ने आवाज उठाना शुरु कर दिया है औऱ केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है । तिब्बत वासी 21 अप्रैल से जंतर मंतर पर अनिशिचतकालीन भूख हडताल पर बैठे है। उनके मांग है कि चीन द्वारा राजनैतिक कैदियों के रुप में गिरफ्तार किए गए लामाओं को छोडने के लिए भारत सरकार कोई पहल करे।
दरअसल तिब्बत में चीन ने पूरी तरह से कब्जा कर रखा है औऱ गाहे बगाहे तिब्बती नागरिकों को परेशान करने के लिए कोई ने कोई हरकत करता रहता है। चीन की सेनर ने तिब्बत के किर्ति मोनेस्ट्री के 20 से भी ज्यादा लामाओं को गिरफ्तार कर रखा है जिनमें से एक 20 वर्षीय लामा पंसोक की मृत्यु भी हो चुकी है और कुछ लामाओं की हालात बेहद खराब है। चीन के इन प्रताणनाओं के परेशान होर तिब्बत युवा काग्रेस के कार्य़कर्ता भारत सरकार से पूरे मामले पर हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर भूख हडताल पर बैठे है। तिब्बत युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डोलो ने बताया कि चीन द्वारा तिब्बत में इस तरह की हरकतें करना आम बात बनती जा रही है जो वहां रहने वालों के लिए बेहद चिंता का विषय है। इसके अलावा तिब्बत में चीन का बढता प्रभाव भारत के राजनैतिक औऱ कूटनीतिक रुप से भी नुकसान देह है। ऐसे में भारत सरकार को कोई पहल करनी चाहिए और चीन से इस संबंध में बातचीत करनी चाहिए । उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल से तिब्बत कांग्रेस के कार्यकर्ता क्रमिक भूख हजताल पर बैठे है और जब तक भारत सरकार उनकी मांगों को नहीं मान लेती है, वे अनशन पर बैठे रहेंगे । यहां बता दें कि चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर रखा है और लिबरेशन के नाम पर तिब्बत की जनता का समाजिक और धार्मिक शोषण करता है । चीन के इस कदम की पूरे विश्व में लगातार आचोलना होती रहती है लेकिन चीन ने अब तक तिब्बत प्रवेश पर रोक लगा रखी है, जिस कारण दलाई लामा कभी भारत में तो कभी दूसरे देशों में निवास करते रहते है। जगकि लाखों की संख्या में तिब्बती शरणार्थी भारत के विभिन्न भागों में बसे हुए है।
तिब्बतियों की रिहाई। के लिए भूख हडताल
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