तिब्बतनरिव्यू.नेट, 06 मार्च, 2019
तिब्बती समाचार सेवा rfa.org की रिपोर्ट के अनुसार, खम्म और अमदो के तिब्बती तीर्थयात्रियों को, जो अब सिचुआन, युन्नान, गांसु और किंघई प्रांतों के कुछ हिस्सों में हैं, अभी भी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) में जाने के लिए अनुमति का इंतजार करना पड़ रहा है। चीन ने यहां 10 मार्च को तिब्बती राष्ट्रीय जनक्रांति दिवस की 60वीं वर्षगांठ के मद्देनजर सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, विशेष रूप से राजधानी ल्हासा में उनकी कड़ी निगरानी की जा रही है और लगातार कठिन सवाल पूछे जा रहे हैं।
रिपोर्ट में शहर के एक अज्ञात नागरिक के हवाले से कहा गया है कि उन पर्यटकों से इस खास महीने के दौरान उनके यहां आने के कारणों के बारे में पूछताछ की जा रही है। उनसे पूछा जा रहा है कि उनकी शहर में कब तक रुकने की योजना है और अपने मेजबान के नाम और पते के बारे में विवरण प्रदान करने को कहा जा रहा है।
रिपोर्ट में एक व्यक्ति के हवाले से कहा गया है, ‘उन्हें हर समय अपने मोबाइल फोन को चालू रखने के लिए कहा जा रहा है और कानून की सख्ती से पालन करने और किसी भी गतिविधियों में शामिल नहीं होने के लिए याद दिलाया जा रहा है, जिससे कि (चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा) के लिए कोई खतरा उत्पन्न हो सकता है।’
सूत्र के हवाले से कहा गया कि लेकिन ल्हासा में व्यापार करने वाले उन क्षेत्रों के बहुत से तिब्बतियों में भय व्याप्त है। इसी भय के बढ़ते माहौल के कारण उनके द्वारा इन क्षेत्रों से वापस जाने की खबरें हैं। उन्हें डर है कि चीन उनपर यहां किसी भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए गलत तरीके से आरोप लगा सकता है।
तिब्बत की राजधानी में राजनीतिक रूप से संवेदनशील स्थानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बर्कौर सिटी सेंटर और पोटाला पैलेस के आस-पास के सभी क्षेत्रों में अब वर्दीधारी और सादे दोनों प्रकार के चीनी सुरक्षा कर्मी तैनात हैं।
चीन ने पहले से ही चीनियों के अलावा अन्य सभी विदेशियों को 10 फरवरी से 1 अप्रैल तक तार क्षेत्र में जाने से प्रतिबंधित कर दिया है। 2008 से पिछले वर्षों की तरह इसने आधिकारिक रूप से प्रतिबंध की घोषणा या पुष्टि नहीं की है।