हिंदुस्तान समाचार, 06 फरवरी, 2012
धर्मशाला में स्थित निर्वासित तिब्बती सरकार ने तिब्बत के अंदर पसरे तनाव के मौजूदा हालात के साथ अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप का सोमवार को आह्वान किया। निर्वासित सरकार ने तिब्बत में और रक्तपात की आशंका जाहिर की है, क्योंकि तिब्बती नव वर्ष और तिब्बती विद्रोह की बरसी नजदीक आ पहुंची है।
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय मामलों की मंत्री डिकी छोयांग ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘चूंकि तिब्बती नव वर्ष (लोसर) 22 फरवरी को है और 10 मार्च को 1959 के तिब्बती विद्रोह की बरसी है, लिहाजा हमें आशंका है कि वहां और रक्तपात होगा और लोगों की जानें जाएंगी।’
छोयांग ने कहा कि तिब्बती समुदाय की लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित संस्था, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि वह चीनी नेतृत्व से तत्काल और सीधा हस्तक्षेप कर तिब्बत में पुलिस हिंसा रोके। छोयांग ने कहा, ‘हम चीन सरकार से भी मांग करते हैं कि वह तिब्बती लोगों की प्रमुख शिकायतें दूर करे। तभी क्षेत्र में बढ़ रहे तनावों का तथा तिब्बतियों व चीन सरकार के बीच दीर्घकालिक विवाद का कोई अंतिम समधान निकल पाएगा।’
ज्ञात हो कि केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ को 27 जनवरी को भेजे अपने एक राजनीतिक पत्र में तिब्बत के हालात पर चिंता जाहिर की थी।