नई दिल्ली , 14 जनवरी। तिब्बत सेंटर फॉर हूमन राइट्स एंड डेमोक्रेसी नाम के एक एनजीओ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि तिब्बत में मानवाधिकार की स्थित बहुत ही खराब हो चुकी है। रिपोर्ट में बताया है कि चीन सरकार तिब्बत के कलाकारों और पर्यावरणविद् के खिलाफ कार्रवाई कर उनका आवाज दबा रही है। एनजीओ के कार्यकारी निदेशक उगेन तेनजिन ने कहा कि चीन सारकार की नीतियों की वजह से देश में एक रणनीति के तहत तिब्बती पहचान को खत्म किया जा रहा हा । उन्होंने कहा कि गत वर्ष 31 दिसंबर तक तिब्बत में 831 राजनीतिक लोगों को कैदी बनाया गया, जिनमें से 360 लोगों को कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया और 12 उम्रकैद की सजा भुगत रहे है।
तिब्बत में मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन ।
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