दैनिक जागरण, 17 मार्च 2015
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : तिब्बत के मसले का समाधान केवल मध्यमार्गीय दृष्टिकोण से चीन के साथ बातचीत से ही हो सकता है। इस बात पर एक बार फिर निर्वासित तिब्बती संसद ने जोर दिया है। धर्मशाला में निर्वासित केंद्रीय तिब्बती संसद के बजट सत्र में मंगलवार को इस मसले पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस दौरान सभी सांसदों ने चीन से तिब्बत के हालातों की सही तस्वीर दुनिया को दिखाने के लिए तिब्बत सरकार के नेताओं, मीडिया व मानवाधिकार के प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल तिब्बत भेजने का भी आग्रह किया है। मंगलवार को बजट सत्र के दूसरे दिन तिब्बती संसद के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए और तिब्बत की आजादी के लिए दिए जा रहे योगदान व प्रयासों के लिए 14वें दलाईलामा का आभार प्रकट करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया।
निर्वासित तिब्बती संसद के स्पीकर पेंपा शेरिंग ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-2016 के लिए बजट सत्र शुरू हुआ है और यह 28 मार्च तक चलेगा। इसमें आगामी दिनों में बजट को लेकर चर्चा होगी। मंगलवार को सत्र के दूसरे दिन तिब्बती सांसद सुश्री गैंग लामहों ने सदन पटल पर तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के तिब्बत व मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए प्रस्ताव रखा और इस पर सभी सदस्यों ने सहमति व्यक्त की।
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