tibet.net, १९ जुलाई, २०२१
चीनी अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में तिब्बत में परम पावन दलाई लामा का ८६वां जन्मदिन मनाने के आरोप में चीन के सिचुआन प्रांत में शामिल तिब्बत के पारंपरिक खाम प्रांत के कर्ज़े से कई तिब्बतियों को गिरफ्तार किया है।
एक पूर्व तिब्बती राजनीतिक कैदी गोलोग जिग्मे के अनुसार, उम्र के ४० के दशक में चल रहे कुंचोक ताशी नाम के एक व्यक्ति और जापो नाम की एक महिला को कर्ज़े (चीनी: गंजी) तिब्बती स्वायत्त प्रांत के कयागलुंग शहर से हिरासत में लिया गया।
इस जोड़े को एक सोशल मीडिया समूह का सदस्य होने के कारण गिरफ्तार किया गया, जिसने परम पावन की तस्वीरें, वीडियो साझा किए और अन्य लोगों को परम पावन दलाई लामा के जन्मदिन पर प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहित किया। गिरफ्तारी की खबर के अलावा और कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
सूत्र ने आगे कहा, ‘परम पावन दलाई लामा के जन्मदिन के आसपास किसी समय २० या ३० और तिब्बतियों को गिरफ्तार किए जाने का संदेह है। संचार बंद होने और चीनी अधिकारियों द्वारा कड़ी निगरानी के कारण तिब्बतियों के इस समूह की गिरफ्तारी के बारे में बहुत कम जानकारी है।’
२०१६ में दलाई लामा का ८०वां जन्मदिन मनाने के आरोप में तिब्बतियों को सजा सुनाई गई:
चीन का दावा है कि तिब्बतियों को अभिव्यक्ति की आजादी है और तिब्बत में धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता का पालन करने की आजादी है, लेकिन चीनी सरकार ने परम पावन दलाई लामा के प्रति श्रद्धा की किसी भी अभिव्यक्ति पर पूरी तरह से कार्रवाई की है। यहां तक कि उनकी तस्वीर रखना भी अपराध माना गया है।
२०१६ में दुनिया भर के तिब्बतियों ने परम पावन दलाई लामा के ८०वें जन्मदिन को भव्य रूप से मनाया। तिब्बत में भी समारोहों का आयोजन किया गया था। ऐसा ही एक आयोजन नगाबा में करने के लिए १० तिब्बतियों को सजा सुनाई गई थी। ०६ दिसंबर २०१६ को नगाबा प्रिफेक्चर के बरखम में इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट ने १० तिब्बती भिक्षुओं और आम नागरिकों को परम पावन के ८० वर्ष के होने के उत्सव में भाग लेने के लिए पांच से १४ साल तक की जेल की सजा सुनाई। इनमें कीर्ति मठ के ५० वर्षीय भिक्षु द्रुकद्र को १४ साल की सजा; कीर्ति मठ के ४४ वर्षीय भिक्षु लोबसांग खेद्रूप को १३ वर्ष की सजा सुनाई गई; २९ वर्षीय कीर्ति मठ के भिक्षु लोसांग गेपेल को १२ साल की सजा सुनाई गई थी; कीर्ति मठ के ही ४१ वर्षीय भिक्षु लोद्रो को ०९ साल की सजा; ल्हादे गाबमा निवासी ४८ वर्षीय बोन्को क्यी को ०७ साल की सजा सुनाई गई थी; नगाबा के त्रोत्सिक इलाके के डोवा गांव के त्सुल्ट्रिम को ०६ साल की सजा सुनाई गई थी और ३५ वर्षीय अक्याक्य (अजाजा) को ०५ साल की सजा सुनाई गई।
२०१३ में पूर्वी तिब्बत के तावू क्षेत्र में परम पावन दलाई लामा के ७८वें जन्मदिन की प्रार्थना और जश्न मनाने के लिए एकत्रित स्थानीय सभा में एक दर्जन से अधिक तिब्बतियों को गोली मार दी गई थी। उस समय चीनी अधिकारियों ने निहत्थे तिब्बतियों पर गोलियां चलाईं थीं।