दैनिक जागरण, 26 मार्च, 2012
शिमला, जागरण ब्यूरो। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर भारत की सीमा में चीन द्वारा बार-बार घुसपैठ पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि 22 मार्च को विधानसभा में भी इस मामले पर चिंता व्यक्त की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तिब्बत की भूमि पर लंबी दूरी की मिसाइलें स्थापित करने से लगातार खतरा बना हुआ है।
धूमल ने बताया कि बड़ी संख्या में चीनी सैनिक गुलाम कश्मीर में देखे गए। चीन के सैनिकों ने लेह-लद्दाख क्षेत्र में सड़क निर्माण को रुकवाने के लिए बाध्य किया। अरुणाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री के दौरे का विरोध कर चीन ने भारत की अखंडता एवं संप्रभुता का विवाद पैदा कर दिया, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि तिब्बत की भूमि पर चीन ने रेल नेटवर्क के अलावा अत्याधुनिक हवाई पट्टी स्थापित की है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जाहिर है कि सीमा पार सामरिक महत्व की व्यापक संचार सुविधाएं स्थापित की गई हैं। 1962 के कटु अनुभव को देखते हुए सीमा के इस पार आज भी प्रभावी प्रतिरोधक प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है। धूमल ने कहा कि राष्ट्रहित और हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास की दृष्टि से उन्होंने दो-तीन वर्ष से लेह-लद्दाख तक रेल नेटवर्क को पहुंचाने का मामला बार-बार उठाया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से भानुपल्ली-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली-लेह- लद्दाख रेलमार्ग के शीघ्र निर्माण का आग्रह किया है।
उन्होंने पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग को ब्रॉड गेज करने तथा सामरिक महत्व को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में विश्वस्तर की हवाई पट्टी विकसित करने का आग्रह भी किया है। उन्होंने कहा कि चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए राष्ट्रहित में सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों एवं पुलों जैसी विश्वस्तरीय संचार सुविधाओं का निर्माण किया जाना चाहिए।