जागरण, 27 सितम्बर, 2012
राकेश पठानिया, धर्मशाला
तिब्बत में लगातार बढ़ रही आत्मदाह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के मसौदे की रणनीति तैयार करने के लिए धर्मशाला में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय तिब्बती प्रतिनिधियों की आमसभा का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार को शुरू हुई बैठक के दूसरे दिन बुधवार को 26 देशों से आए करीब 432 प्रतिनिधियों के 20-20 सदस्यों की समितियों का गठन किया गया। ये समितियां अलग-अलग तौर पर बैठकें कर तिब्बत में आत्मदाह की घटनाओं की रोकथाम पर चर्चा कर रही हैं। आम सभा के अंतिम दिन ये समितियां अपनी रिपोर्ट निर्वासित सरकार की संसदीय समिति को देंगी।
संसदीय समिति इन रिपोर्टो के आधार पर चीन को तिब्बत में शांति कायम कर ऐसी घटनाओं पर रोकथाम लगाने के लिए एक नई रणनीति बनाएगी। निर्वासित सरकार के प्रवक्ता पी.अतिशा के अनुसार, यह निर्वासन के दौरान दूसरा मौका है जब तिब्बत के किसी गंभीर मामले पर सरकार ने आम सभा की बैठक का आयोजन किया है। इससे पूर्व परमपावन दलाईलामा ने नवंबर 2008 में इस प्रकार का आयोजन करवाया था और बैठक का उद्देश्य था कि तिब्बत पर चीन के शासन के खिलाफ किस प्रकार से रणनीति अख्तियार की जाए।
इस बार की विशेष आम सभा में इस बात पर भी समितियां चर्चा कर रही हैं कि किस प्रकार से विश्व के नेताओं को तिब्बत की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए उन्हें अपने पक्ष में लाया जाए। यही नहीं इन स्थितियों से निपटने के लिए विभिन्न सांसदों को भी इस मामले को अपनी-अपनी संसदों में उठाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
आमसभा में भाग ले रहे निर्वासित संसद के पूर्व अध्यक्ष कर्मा चौंफल का कहना है कि इस बार परमपावन दलाईलामा चार दिवसीय आम सभा की बैठक में भाग नहीं ले रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपनी राजनीतिक शक्तियां प्रधानमंत्री को सौंप दी हैं। इस विशेष बैठक में समितियां अभी मंथन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता यह है कि चीन ने तिब्बत में इस कद्र क्रूर नीतियां लागू कर दी हैं कि लोग आत्मदाह के लिए मजबूर हो रहे हैं। बैठक के अंतिम दिन ये समितियां अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी और उसके बाद ही यह बताया जा सकेगा कि वर्तमान तिब्बत की समस्या से निपटने के लिए क्या रणनीति के सुझाव आए हैं।
गौरतलब है कि आज तक चीन के अधिकृत तिब्बत में 51 आत्मदाह हुए है, जिनमें से 41 की मौत हो चुकी है। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि मार्च 2011 से अब तक आत्मदाह करने वालों की संख्या बढ़कर 50 हुई है। विशेष आम सभा का समापन 28 सितंबर को परमपावन दलाईलामा की लंबी आयु की कामना की प्रार्थना के साथ होगा।