दैनिक जागरण, 8 फ़रवरी 2013
कार्यालय संवाददाता, धर्मशाला : तिब्बती समुदाय ने भारतीय नागरिकों से तिब्बत मुद्दे के हल के लिए सहयोग की अपील की है। निर्वासित सरकार के संसद सदस्य दावा सीरिंग, केलसंग डेमदुल, गांग लाहमो, मगरू तेनपा, यीशे डोलमा, थुकतल डोलमा व तंजिन ने कहा है कि भारत ने हमेशा तिब्बत समुदाय की मदद करने में कदम बढ़ाए हैं। भारत के भाई – बहनों के कारण ही समुदाय अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भारत के और सहयोग की आवश्यकता है क्योंकि चीन अधिकृत तिब्बत के कारण भारत के लिए भी दिन-ब-दिन समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस हिमालय पर्वत को सुरक्षा का प्रतीक माना जाता था वह अब सुरक्षा की ढाल नहीं रहा क्योंकि चीन की तिब्बत सहित भारत के सीमा क्षेत्रों में लगातार गतिविधियां बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साठ वर्ष में चीन के अधिपत्य के कारण तिब्बत की पहचान को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। तिब्बत में 95 तिब्बतियों के आत्मदाह के मामले चिंतनीय हैं। बुजुर्गो से लेकर किशोर इसका शिकार बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे ताकि तिब्बत का अस्तित्व एवं भारत की सुरक्षा बनी रहे।