हिंदुस्तान, 24 मार्च, 2012
संयुक्त राष्ट्र ने न्यूयॉर्क में भूख हड़ताल पर बैठे तीन तिब्बती युवकों को आश्वस्त किया है कि तिब्बत के अति गंभीर हालत की जांच के लिए वहां एक विशेष दूत भेजा जाएगा। यह जानकारी निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगय ने यहां शनिवार को दी है।
सांगय ने एक बयान में कहा है, ”संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने गुरुवार को तीनों अनशनकारियों से मुलाकात की। अधिकारी ने मौखिक और लिखित, दोनों रूपों में आश्वस्त किया कि संयुक्त राष्ट्र तिब्बत के अंदर के वास्तविक हालात की जांच के लिए एक विशेष दूत भेजेगा। हम समझते हैं कि यह तिब्बत में एक बहुत ही गंभीर हालात की स्वीकारोक्ति है।”
सांगय ने कहा कि निर्वासित सरकार ने संयुक्त राष्ट्र से बार-बार अपील की है कि तिब्बत के अंदर के वास्तविक हालात की जांच के लिए एक दूत भेजा जाए, जहां कई बौद्ध भिक्षुओं ने आजादी की मांग को लेकर खुद की कुर्बानी दे दी है।
तिब्बतन यूथ कांग्रेस की वेबसाइट पर जारी एक पोस्ट के अनुसार, पिछले महीने से संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर अनशनरत तीनों तिब्बतियों ने संयुक्त राष्ट्र के आश्वासन के बाद गुरुवार को अपना अनशन समाप्त कर दिया। सांगय ने कहा है, ”हमें प्राप्त हुई खबरों के अनुसार, चीन स्थिति आस्ट्रेलियाई राजदूत ने भी चीन के विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि तिब्बत के हालात के आकलन के लिए तिब्बत दौरे की अनुमति दी जाए।”
सांगय ने कहा है, ”ये दोनों घटनाएं हालांकि उस दर्जे की नहीं है, जैसा कि हम चाहते हैं, लेकिन कई मामलों में ये इस बात के संकेत तो हैं ही कि सच्चाई सुनी जाएगी, सच्चाई को समर्थन मिलेगा, और आशा है कि सच्चाई की जीत होगी।” खबर है कि इस वर्ष तिब्बत में 17 लोगों ने आजादी के समर्थन में अपनी कुर्बानी दे दी है।