tibet.net / पुडुचेरी। श्री संदेश मेश्राम उर्फ समतेन येशी द्वारा शुरू की गई जनजागरण साइकिल यात्रा (दक्षिण भारत) २ जनवरी २०२२ को केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी पहुंच गई, जहां भारत-तिब्बत मैत्री संघ (आईटीएफएस) पुडुचेरी के अध्यक्ष श्री एस. अधवन, संयुक्त सचिव श्री आई. पांडियन एवं अन्य सदस्यों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
श्री संदेश मेश्राम ने १० दिसंबर २०२१ को कर्नाटक से साइकिल रैली की शुरुआत की। अपनी साइकिल यात्रा के दौरान उन्होंने पुडुचेरी पहुंचने से पहले उत्तर कन्नड़, केरल और तमिलनाडु के दक्षिणी भाग के कई गांवों, कस्बों और शहरों की यात्रा की।
४ जनवरी २०२२ को आईटीएफएस पुडुचेरी द्वारा श्री संदेश मेश्राम के सम्मान में स्वागत स्वागत समारोह का आयोजन पुडुचेरी विधानसभा के परिसर में किया गया। कार्यक्रम में पुडुचेरी के माननीय मुख्यमंत्री श्री एन. रंगास्वामी, पुडुचेरी विधानसभा के माननीय अध्यक्ष श्री आर.सेल्वम और पुडुचेरी से राज्यसभा के माननीय सांसद श्री एस. सेल्वा गणपति की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही।
आईटीएफएस पुडुचेरी के सदस्य श्री वेंकट सुब्रमण्यम ने स्वागत भाषण दिया और आईटीएफएस पुडुचेरी के अध्यक्ष श्री एस.अधवन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। माननीय अध्यक्ष श्री आर. सेल्वम ने श्री संदेश मेश्राम को तिब्बती हित में उनके कार्य के लिए सम्मानित किया। गणमान्य व्यक्तियों और कार्यक्रम में भाग लेने वाले अन्य सदस्यों को भी तिब्बत पर पैम्फलेट वितरित किए गए।
माननीय मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी ने जनजागरण साइकिल यात्रा के यात्री श्री संदेश मेश्राम को उनकी आगे की यात्रा के लिए झंडी दिखाकर रवाना किया और तिब्बती हित के लिए शुभकामनाएं दीं। आईटीएफएस पुडुचेरी के संयुक्त सचिव श्री आई. पांडियन ने सभी को धन्यवाद किया।
गणमान्य व्यक्तियों के अलावा कार्यक्रम में आईटीएफएस पुडुचेरी के सदस्यों, कलसांग, ऑरोविले तिब्बत मंडप के सोनम और अन्य सदस्य तथा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक्स दोनों मीडिया के मित्रों ने भाग लिया।
पुडुचेरी में अपने प्रवास के दौरान श्री संदेश मेश्राम की मेजबानी ऑरोविले तिब्बत मंडप के आचा कलसांग ने की। उन्होंने ऑरोविले के आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया और इस दौरान वे प्रसिद्ध तिब्बतविद् और लेखक श्री क्लॉउडे अर्पी से मिलकर प्रसन्न हुए।
जनजागरण साइकिल यात्रा (दक्षिण भारत) का मुख्य उद्देश्य तिब्बत के बारे में आम भारतीय जनता के बीच जागरुकता पैदा करना और चीनी कम्युनिस्ट सरकार द्वारा तिब्बत के क्रूर कब्जे के तहत इसकी कठोर वास्तविकताओं के बारे में वास्तविकताओं से अवगत कराना है। यह यात्रा भारत और तिब्बत के बीच सदियों पुराने संबंधों को फिर से मजबूत करने और जनता को शिक्षित करने के लिए है कि भारत की सीमा चीन के साथ नहीं, बल्कि तिब्बत के साथ लगती है।
साइकिल यात्रा १२ जनवरी, २०२२को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में समाप्त होगी।