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तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाईलामा ने अगले छह महीने में अपनी सेवानिवृत्ति पर विचार करने की घोषणा के कुछ ही दिन बाद कहा कि इस कदम का यह मतलब नहीं है कि वह स्वयं को तिब्बत की स्वतंत्रता की लड़ाई से अलग कर लेंगे.
दलाईलामा ने पश्चिम बंगाल के कलीमपोंग में संवाददाताओं से कहा, ‘तिब्बत और उसके बाहर रहने वाले करीब 99 प्रतिशत तिब्बती मुझ पर विश्वास करते हैं.
इसलिए मेरे ऊपर यह नैतिक जिम्मेदारी है कि मैं उनकी सेवा करूं.
पूर्ण सेवानिवृत्ति की मेरी घोषणा का यह मतलब नहीं है कि मैं तिब्बत की लड़ाई को भूल जाउंगा.’
75 वर्षीय दलाईलामा ने कहा, ‘मैं एक तिब्बती हूं और प्रत्येक तिब्बती की यह नैतिक प्रतिबद्धता है कि वह तिब्बत की लड़ाई को आगे बढ़ाये.’
उन्होंने कहा कि तिब्बत मुद्दे को सुलझना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी.’