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जिनेवा। परम पावन दलाई लामा के ८७वें जन्मदिन के अवसर पर०६ जुलाई २०२२को पहली बार तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज और बौद्ध ध्वज जिनेवा के पार्क डू तिब्बत में सुबह १०:३० बजे फहराया गया।
तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज को परम पावन दलाई लामा के तिब्बत ब्यूरो, जिनेवा स्थित प्रतिनिधि थिनले चुक्की और वनेक्स के पूर्व मेयर और स्विस सांसद रेने लॉन्गेट द्वारा फहराया गया। लॉन्गेट वर्तमान में स्विस- तिब्बत फ्रेंडशिप एसोसिएशन- फ्रेंच स्पीकिंग सेक्शन के मुख्य समन्वयक हैं। बौद्ध ध्वज को स्विट्जरलैंड और लिकटेंस्टीन में तिब्बती समुदाय के उपाध्यक्ष तेनज़िन वांगडु और स्विट्जरलैंड के ड्रिकुंग काग्यू दोर्जे लिंग केंद्र के लामा कुनसांग द्वारा फहराया गया था। पार्क में ध्वजारोहण स्थायी रूप से किया जाएगा।
ध्वजारोहण से पहलेस्तूप के अभिषेक के लिए एक छोटा बौद्ध धार्मिक समारोह आयोजित किया गया था, जिसका नेतृत्व स्विट्जरलैंड के ड्रिकुंग काग्यू दोर्जे लिंग केंद्र के लामा कुनसांग ने किया। स्तूप के अंदर बुद्ध की पवित्र प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। यह प्रतिमा परम पावन दलाई लामा के कार्यालय द्वारा पिछले वर्ष उपहार में दी गई थी।
तिब्बत ब्यूरो-जिनेवा के प्रतिनिधि थिनले चुक्की ने इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए स्विट्जरलैंड और लिकटेंस्टीन के तिब्बती समुदाय के जिनेवा खंड को धन्यवाद दिया। तिब्बत ब्यूरो- जिनेवा के संयुक्त राष्ट्र के एडवोकेसी अधिकारी कलडेन त्सोमो, स्विट्जरलैंड और लिकटेंस्टीन के तिब्बती समुदाय के उपाध्यक्ष तेनज़िन वांगडु, स्विस- तिब्बती मैत्री संघ के फ्रेंच भाषी खंड के सह-प्रतिनिधि, जिनेवा खंड के तिब्बती समुदाय के सदस्यों के साथ इसके अध्यक्ष योंगा त्सेसुत्संग और स्थानीय तिब्बती समुदाय और तिब्बत समर्थक इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में उपस्थित हुए।
परम पावन दलाई लामा के ८७वें जन्मदिन पर जिनेवा के स्थानीय तिब्बती समुदाय के सदस्यों और तिब्बत समर्थकों ने परम पावन दलाई लामा के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु होने के लिए प्रार्थना की ताकि वे पूरी मानवता के लिए शांति और सकारात्मकता को प्रेरित करते रहें।
पार्क डू तिब्बत का उद्घाटन १४फरवरी १९९८को बर्नेक्स के मेयर द्वारा तिब्बतियों और उनके देशतिब्बत की स्वतंत्रता के लिए उनके अहिंसक संघर्ष का समर्थन करने के लिए किया गया था। इसके बादपार्क में एक बौद्ध स्तूप का निर्माण किया गया, जिसका उद्घाटन ०१अक्तूबर २००१को मेयर और बर्नेक्स की परिषद द्वारा तिब्बत ब्यूरो-जिनेवा के अधिकारियों और रिकॉन मठ के भिक्षुओं की उपस्थिति में किया गया था। इस स्तूप को स्तूप ऑफ एनलाइटेनमेंट (ज्ञान- स्तूप) कहा जाता है।