दैनिक भास्कर, 05 जनवरी 201
गया। बोधगया में आयोजित कालचक्र पूजा समारोह में बौद्धों के शीर्ष धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि तिब्बत की समस्या का समाधान के लिए बौद्धों को हमेशा सचेत रहना चाहिए। बौद्धों के कंधों पर तिब्बत की समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि चीन के तीस करोड़ बौद्ध हैं, जिसकी भागीदारी तिब्बत समस्या में निर्णायक है। दलाई लामा ने अपने संदेश में कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा ही मानव जीवन की सुरक्षा है। इसलिए हर हाल में पर्यावरण को दूषित होने से बचाने की अपील की है।
कालचक्र पूजा समारोह अवसर पर निर्वासित तिब्बत सरकार के नव नियुक्त प्रधानमंत्री लोबसांग सांग्ये तथा सत्रहवें करमापा उग्येन थिनले दोरजी महाबोधि मंदिर में पूजा-पाठ किए। प्रधानमंत्री लोबसांग कालचक्र पूजा समारोह में भाग लिए। कालचक्र पूजा के दौरान ही बोधगया में धर्मगुरु दलाई लामा को महात्मा गांधी पीस एंड रिकिंशालिएशन अवार्ड सम्मानित किया गया।
सत्य के लिए करें संघर्ष
धर्मगुरु ने सत्य के लिए संघर्ष व न्याय के लिए लोगों को साथ देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सत्य के लिए किए गए संघर्ष धर्म के सामान है। उन्होंने तिब्बती लोगों से कहा कि वे नशापान व जुए की आदत से छुटकारा पाएं। उन्होंने जीव-हत्या पर भी रोक की अपील लोगों से की।