समय Live, 3 सितंबर, 2012
तिब्बत की निर्वासित सरकार चीन के साथ रूकी वार्ता को इस साल दिसंबर में गति मिलने की आशा कर रही है, जब वहां नेतृत्व परिवर्तन होगा.
तिब्बत की निर्वासित सरकार ने लोकतंत्र दिवस की 52 वीं जयंती पर एक बयान जारी कर कहा कि नये चीनी नेतृत्व के पदभार ग्रहण करने के बाद वार्ता पर तिब्बती कार्यबल की दिसंबर में बैठक होगी.
यह वार्ता 2010 से रूकी हुई है क्योंकि तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के दो विशेष दूतों ने तिब्बत में बिगड़ती कानून व्यवस्था और वार्ता प्रक्रि या में चीनी पक्ष से सकारात्मक संदेश नहीं मिलने पर इस्तीफा दे दिया. वे वर्ष 2002 से वार्ता कर रहे थे.
केंद्रीय तिब्बत प्रशासन ने रविवार को 52वां लोकतंत्र दिवस मनाया. मैक्लोडगंज में आयोजित कार्यक्रम में धर्मगुरु दलाईलामा, निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसाग सांग्ये व संसद के स्पीकर पेंपा शीरिंग विशेष तौर पर शामिल हुए.
इस मौके पर डॉ. सांग्ये ने कहा कि परमपावन दलाईलामा ने 1960 में लोकतंत्र स्थापित किया. निर्वासित होने के बावजूद तिब्बती समुदाय लोकतंत्र दिवस मना रहा है. यह परमपावन का मार्गदर्शन ही है जो समुदाय को आजादी के लिए प्रेरित कर रहा है.
उन्होंने कहा कि तिब्बत में लोकतंत्र बहाली के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका, इंग्लैंड, जापान व आस्ट्रेलिया सहित यूरोप के कई देश तिब्बत की आजादी का समर्थन कर रहे हैं. इन देशों ने तिब्बत की आंतरिक स्थिति को जानने के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया है.
इस मौके पर पेंपा शीरिंग ने भी संबोधन दिया। कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति सहित रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए.