पंजाब केसरी, 4 मार्च, 2016
मैक्लोडगंज: चीन की सरकार के खिलाफ तिब्बत के मसले को लेकर अपनी आवाज को बुलंद करने वाले नाबालिग तिब्बती किशोर ने आत्मदाह करके अपनी जान दे दी है। सूत्रों के अनुसार दोरजे त्सेरिंग (16) तिब्बतियन किशोर ने हाल ही में देहरादून के समीप पड़ते हरबरतपुर में चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए खुद को आग लगा ली। बुरी तरह झुलसे तिब्बतियन युवक दोरजे त्सेरिंग को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
जिस वक्त तिब्बतियन छात्र को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था तो उस दौरान उसकी जुबां पर यही शब्द थे, कि मैं 16 साल का दोरजे त्सेरिंग हूं। 1959 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया। मैं तिब्बत की खातिर आत्मदाह कर रहा हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि धर्मगुरु दलाईलामा की आयु लंबी हो।
आत्मदाह कर जान गंवाने वाले तिब्बती किशोर दोरजे के शरीर को दिल्ली से मैक्लोडगंज लाया जाएगा, वही शहर में इस खबर के पहुंचते ही क्षेत्र के सभी तिब्बतियों ने अपनी दुकानों को बंद कर बौद्ध मठ चुंगलाखंग में दिवंगत युवक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं की। दिवंगत तिब्बतियन युवक मसूरी स्थित तिब्बतियन होम्स फाऊडेशन में 10वीं कक्षा का छात्र था।
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