दैनिक जागरण, मार्च 10, 2016
हजारीबाग़। भारत तिब्बत मैत्री संघ के 57 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जैन धर्मशाला में एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। भारत तिब्बत मैत्री संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष सुदेश चंद्रवंशी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि तिब्बत की आजादी के लिए सभी देशों को एकजुट होना होगा।
ज्ञात हो कि आज के ही दिन 1959 में विभिन्न देशों में फैले तिब्बतियों ने भारत के साथ मिलकर तिब्बत की आजादी के लिए जंग लड़ने का एलान किया था। सुदेश ने बताया कि आंदोलन के बाद दलाई लामा को भारत में शरण लेनी पड़ी थी। कहा कि तिब्बत की आजादी के लिए पिछले छह वर्षों में 142 देशभक्तों ने अपनी जान दी है। समारोह को संबोधित करते हुए डाॅ0 बीके सिंह ने कहा कि सदियों से तिब्बत और भारत का गहरा रिश्ता रहा है। हमारे पूर्वज परंपरा और संस्कार भी समान है।
डाॅ0 अर वद ने कहा कि चीन के चंगुल से तिब्बत के आजादी के लिए हमें हर दिन छोटे छोटे प्रयास करने होंगे। समारोह को डाॅ गायत्री राणा, दिलीप सिंह चंद्रवंशी, युगल प्रसाद, विनय चंद्रवंशी, ममता चंद्रवंशी ने संबोधित किया।