दैनिक भास्कर, 6 मार्च, 2012
बीजिंग.चीन में धार्मिक स्वतंत्नता और तिब्बत की स्वायत्तता की मांग को लेकर तिब्बतियों के आत्मदाह का सिलसिला जारी है। चीन के पश्चिमी सिचुआन प्रांत में एक तिब्बती भिक्षु ने कल आत्मदाह कर लिया जिससे उसकी मौत हो गई।
मानवाधिकार संगठन ‘फ्री तिब्बत’ और ‘इंटरनेशनल कैंपेन फार तिब्बत’ ने मंगलवार को यहां बताया कि सिचुआन प्रांत के अबा में दोरजी (18) नामक इस भिक्षु ने एक मठ के बाहर कल शाम खुद को आग लगा लिया जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने चश्मदीदों के हवाले से बताया कि दोरजी ने एक पुल के पास पहले तो तिब्बत की आजादी एंव निर्वासित आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा की वापसी की मांग के समर्थन में नारे लगाए और इसके तुरंत बाद खुद को आग लगा लिया।
दोरजी पुल के आग की लपटों में घिरा हुआ एक सरकारी कार्यालय की इमारत तक पहुंचा और इसके बाद वह जमीन पर गिर पड़ा। बाद में वहीं उसकी मौत हो गई।
चीन के सुरक्षा बलों ने तिब्बती इलाकों को आम आदमी की पहुंच से अलग थलग कर दिया है लिहाजा इस खबर की स्वतंत्न रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने बताया कि उन्हें इस घटना के संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि दोरजी पिछले तीन दिन में आत्मदाह करने वाला तीसरा तिब्बती है। इससे पहले शनिवार को सिचुआन प्रांत में तिब्बती समुदाय के एक महिला और निकटवर्ती गांसू प्रांत में एक युवती ने तिब्बत पर चीनी कब्जे का विरोध करते हुए आत्मदाह कर लिया।
महिला की मौत की खबर रविवार को जबकि युवती की मौत की जानकरी कल मिली।
अबा में रिनचेन नामक महिला ने चीन विरोधी नारे लगाने के बाद आत्मदाह कर लिया। कुछ ही समय बाद उसकी मौत हो गई। वह चार बच्चों की मां थी और उसकी उम्र लगभग 30 वर्ष थी। उसके अलावा सीरिंग कई नाम की 19 वर्षीय छात्ना ने गांसू प्रांत के माकू इलाके में खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष से अब तक लगभग 25 तिब्बती भिक्षु और भिक्षुणियों ने तिब्बत की स्वायत्ता और दलाईलामा की वापसी की मांग को लेकर आत्मदाह कर लिया है।
इनमें से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई है।