अमर उजाला, 20 फरवरी, 2012
चीन में धार्मिक स्वतंत्रता और तिब्बत की स्वायत्तता की मांग को लेकर तिब्बतियों के आत्मदाह का सिलसिला जारी है। चीन के पश्चिमी सिचुआन प्रांत में एक युवा तिब्बती भिक्षु ने रविवार को आत्मदाह कर लिया जिससे उसकी मौत हो गई।
मानवाधिकार संगठन ‘इंटरनेशनल कैंपेन फॉर तिब्बत’ ने बताया कि सिचुआन प्रांत के अबा में नांगद्रोल (18) नामक इस भिक्षु ने एक मठ के बाहर रविवार शाम खुद को आग लगा लिया जिससे उसकी मौत हो गई। नांगद्रोल ने मठ के बाहर पहले तो तिब्बत की आजादी एंव निर्वासित आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा की वापसी की मांग के समर्थन में नारे लगाए और इसके तुरंत बाद खुद को आग लगा लिया।
संगठन ने बताया कि भिक्षु की मौत के बाद पुलिस के जवानों ने उसका शव अपने साथ ले जाने की कोशिश की लेकिन मठ के अन्य भिक्षुओं समेत लगभग 1000 लोगों ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया। वे लोग रात भर उसके शव के साथ रहे ताकि पुलिस उसे अपने साथ न ले जा पाए। बाद में बौद्ध रीति-रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
चीन के सुरक्षाबलों ने तिब्बती इलाकों को आम आदमी की पहुंच से अलग-थलग कर दिया है लिहाजा इस खबर की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है। स्थानीय प्रशासन और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय में फोन करने पर उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।