नई दिल्ली । भारत, चीन के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को एकमात्र विकल्प बताते हुए पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने उम्मीद जताई है कि वह दिन जल्द ही आएगा जब भारत में निर्वासन में रहे आध्यात्मिक नेता दलाई लामा और अन्य तिब्बती नागरिक अपनी मातृभूमि तिब्बत जाएंगे और उसका भविष्य संवारेंगे। सूरजकुंड में पांच नवंबर से सात नवंबर तक छठें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में आडवाणी की मुलाकात दलाई लामा से हुई थी। भाजपा नेता ने इस पर अपने ब्लॉग में लिखा है। उन्होंने लिखा है कि मुझे उम्मीद है कि चीन अरूणाचल पर दिए जा रहे बयानों को तथा भारत के प्रति पाक के शत्रुतापूर्ण रवैए पर अपने सहयोग का मतलब समझेगा जो कि नई दिल्ली और बीजिंग के संबंध सामान्य करने में बाधक बना हुआ है। मैं उम्मीद और प्रार्थना करता हूं कि वह दिन जल्द आए जब निर्वासन में रहने के लिए बाध्य दलाई लामा और अन्य तिब्बती नागरिक अपनी मातृभूमि लौट सकें और तिब्बत का भाग्य संवार सकें।लालकृष्ण आडवाणी ,वरिष्ठ भाजपा नेता
“तिब्बत का भविष्य दलाई लामा के भरोसे”
[बुधवार, 10 नवम्बर, 2010 | स्रोत : patrika]
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