नईदुनिया, 24 नवम्बर 2015
कुशीनगर। तिब्बत ऐतिहासिक रूप से एक स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र रहा है। उसे किसी के प्रमाण की जरूरत नहीं है। तिब्बत एक सच्चाई है। इसे कोई झुठला नहीं सकता और न ही कोई दबा सकता है।
विश्व भर में फैले तिब्बती आजादी चाहते हैं। तिब्बत एक दिन अवश्य आजाद होकर रहेगा। यह बातें केंद्रीय तिब्बती अध्ययन विश्व विद्यालय सारनाथ के कुलपति प्रो. लोबसंग नोर्बू शास्त्री ने कही। वह कुशीनगर में चल रहे बौद्ध महोत्सव में शिरकत करने आए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु एवं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा द्वारा आजादी के लिए चलाया जा रहा अभियान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्हें विश्व भर में फैले तिब्बतियों का भरपूर समर्थन प्राप्त है। कहा कि दलाई लामा और विश्व के अन्य लोगों में अंतर है, सबकी परिस्थितियां अलग-अलग हैं। ऐसे में तिब्बत में रहकर वे अपना कार्य नहीं कर सकते।