तिब्बतनरिव्यू.नेट, 30 जनवरी, 2019
दलाई लामा ने श्री जार्ज फर्नांडिस के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। भारत के पूर्व ट्रेड यूनियन नेता, पत्रकार, कृषक नेता और बिहार के संसद सदस्य जार्ज फर्नांडिस का गत 29 जनवरी को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। जार्ज ने बाद में भारत के संचार, उद्योग, रेलवे के साथ-साथ रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। वह कुछ वर्षों से अल्जाइमर से ग्रस्त था और 88 वर्ष की आयु में 29 जनवरी की सुबह नई दिल्ली स्थित अपने घर में उनका निधन हो गया।
जार्ज की विधवा लैला कबीर के प्रति अपने शोक संदेश में दलाई लामा ने श्री फर्नांडीस के साथ अपने पांच दशकों से अधिक समय के निरंतर संपर्कोँ और मुलाकातों को याद किया। लैला कबीर जार्ज के अल्जाइमर और पार्किंसन से ग्रस्त होने के बाद उनके जीवन में फिर से वापस लौट आई थीं। दलाई लामा ने श्री फर्नांडिस के महान समर्पण की प्रशंसा की। जार्ज इस बात पर विश्वास करते थे कि स्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, यह कोई चिंता की बात नहीं है।
दलाई लामा ने उन्हें महान मानवतावादी और सच्चाई में विश्वास रखने वाले के रूप में याद करते हुए कहा, ‘अपने पूरे जीवन में जार्ज देश के लाखों गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए एक आवाज थे। उन्हें न्याय और बुद्धि के लिए दृढ़ विश्वास था। वह एक वास्तविक संघर्षशील नेता थे।’
दलाई लामा ने उन्हें ‘तिब्बत का एक स्थायी मित्र” बताया जो शुरू से ही तिब्बती लोगों और उनके आंदोलन के लिए सहानुभूतिपूर्ण थे। वह तिब्बती लोगों के पक्ष में हमेशा बोलते रहे और साथ ही अन्य ऐसे समूहों के लिए भी अपनी आवाज बुलंद की जो कठिन परिस्थितियों में रहे या शोषण और गुलामी का शिकार हुए।’
यह याद करते हुए कि उन्होंने अपनी बैठकों में फर्नांडिस से कहा था कि वह हमेशा उन्हें याद करेंगे, दलाई लामा ने कहा, ‘हालांकि जॉर्ज और मैं अलग-अलग धार्मिक परंपराओं से रहे लेकिन एक बौद्ध के रूप में मुझे विश्वास है कि वह अपने देश की सेवा करने के लिए, विशेष रूप से शोषितों-पीड़ितों की सेवा और उनके लिए संघर्ष करने के लिए यहीं पुनर्जन्म लेंगे।’
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के राष्ट्रपति लोबसांग सांगेय ने भी जार्ज के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है, उन्होंने फर्नांडिस को ‘तिब्बत के लिए सबसे मजबूत आवाज और वास्तव में तिब्बत का एक महान मित्र’ कहा है।
अपने शोक संदेश में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने फर्नांडिस के निधन पर दुख व्यक्त किया है। यह कहते हुए कि दिवंगत नेता अपनी राजनीतिक विचारधारा से कभी विचलित नहीं हुए और स्थिर बने रहे, उन्होंने ट्वीट किया- “जॉर्ज साहब ने भारत के सबसे अच्छे राजनीतिक नेतृत्व का प्रतिनिधित्व किया। दो-टूक बोलनेवाले और निडर, अग्रगामी और दूरदर्शी, उन्होंने हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह गरीबों और हाशिए पर रहनेवालों के अधिकारों के लिए सबसे प्रभावी आवाज़ों में से एक थे।’
फर्नांडिस जनता दल के प्रमुख सदस्य थे और समता पार्टी के संस्थापक भी थे। रक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। 1998 में रक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के छह सप्ताह से भी कम समय के बाद समाजवादी नेता ने चीन को भारत का नंबर 1 खतरा कहकर भारतीय रक्षा और विदेश नीति प्रतिष्ठानों को हिलाकर रख दिया और कई टिप्पणीकारों का हार्दिक समर्थन प्राप्त किया।