अजीत समाचार, 31 अगस्त, 2012
लुधियाना, 30 अगस्त: पिछले 60 सालों से निर्वासन तिब्बतियों में रहने वाले सैकड़ों तिब्बतियों ने आज महानगर लुधियाना की ओर रूख किया ताकि चीन हुकूमत के खिलाफ़ समस्त भारतीयों विशेषकर पंजाबियों की बुलंद आवाज को साथ लेकर दुनिया के हुकमरानों को अपनी व्यथा और आपबीती सुनार्इ जा सके। 50 से अधिक तिब्बतियों द्वारा आत्मदाह और उनके वारिसों पर हो रहे अत्याचारों की दर्दनाक दास्तां सुनाने के लिए यह समूह आज स्थानीय सुंदर नगर में इकटठा हुआ।
हौजरी के क्षेत्रे से जुड़े अधिकांश तिब्बती व्यापारियों ने मसूरी, धर्मशाला, शिमला और डलहौजी से आकर हौजरी से जुड़े व्यापारियों, समाजसेवी जत्थेबंदियों और राजनीतिज्ञों को अपनी व्यथा बतार्इ। इस अवसर पर तिब्बतन पार्लीमेंट के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा समय में सांसद पेमा जुंगने ने सत्य की ज्वाला स्थानीय तिब्बतीयन, रफयूजी एसोसिएशन के महासचिव चाइम शेरनी के सुपुर्द की । सुंदर नगर चौक से माधोपुरी के विष्णु मंदिर में यह शांतिमार्च सम्पन्न हुआ।
तिब्बती सांसद पेमा जुंगने ने संयुक्त राष्ट्र महासंध में 1959 और 1965 में तिब्बत पर रखे गए प्रत्येक प्रस्तावों पर पुन:विचार-विमर्श और समय अनुसार कि्रयानिवत करने की मांग की। उन्होंने कहा कि तिब्बत में गंभीर परिसिथतियां बन चुकी है जहां मानव अधिकारों की सरे आम उल्लंघन हो रही है, वहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र भेजा जाना चाहिए। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासंघ द्वारा विशेष दायित्व लेने की मांग करते हुए कि तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों की आशओं की पूर्ति के लिए जल्द कदम उठाएं जाने चाहिए।
इस अवसर पर लाला तिब्बतीयन हौजरी एसोसिएशन के प्रधान अश्रवनी चावला बिटटू, उपाध्यक्ष मनजीत कुमार, कोषाध्यक्ष सुभाष डांग, महासचिव केवल बुद्धिराजा, सचिव ओमप्रकाश, सह सचिव मुकेश उप्पल व अन्य गणमान्य लोग भी उपसिथत थे।