
जिनेवा। यूरोपीय देशों के लिए चीनी संपर्क अधिकारी सांगेय क्याब ने स्विट्जरलैंड के बेसल में २२ फरवरी २०२५ को चीनी ईसाई समूहों द्वारा आयोजित विरोध-प्रदर्शन में भाग लिया।
‘एसोसिएशन फॉर द डिफेंस ऑफ ह्यूमन राइट्स एंड रिलिजियस फ्रीडम (मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता रक्षा संघ)’ द्वारा ‘द चर्च ऑफ अलमाइटी गॉड’ के सहयोग से आयोजित यह विरोध-प्रदर्शन स्विट्जरलैंड के बेसल ट्रेन स्टेशन पर आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम २२ फरवरी को स्विट्जरलैंड, जर्मनी और ऑस्ट्रिया में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया। इसमें धार्मिक उत्पीड़न के कारण चीन से भागे हुए व्यक्तियों ने भाग लिया था। इस सभा का उद्देश्य अप्रैल २०२४ में जिलिन प्रांत में ६४८ विश्वासियों की गिरफ्तारी और दो व्यक्तियों की कथित यातना और हत्या की निंदा करना था।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सांगेय क्याब ने चीन में उत्पीड़न के पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘मैं आज यहां आया हूं, क्योंकि हम सभी ने चीनी सरकार के उत्पीड़न और पीड़ा का अनुभव किया है। मैं आपका समर्थन जताने आया हूं। आपने जिस यातना और पीड़ा का उल्लेख किया है, वह तिब्बत में हर दिन होती है। तिब्बत में ऐसा उत्पीड़न ७० वर्षों से जारी है। दस लाख तिब्बती बच्चों को जबरन बोर्डिंग स्कूलों में भेजा गया है और उन्हें तिब्बती भाषा सीखने की अनुमति नहीं है। चीनी सरकार तिब्बत में व्यापक स्तर पर हर चीज का चीनीकरण करने की नीति लागू कर रही है, जो शी जिनपिंग के शासन में और भी बदतर हो गई है। तिब्बतियों ने ६६ वर्षों से चीनी सरकार का विरोध किया है और ऐसा करना जारी रखा है। हममें से जो लोग विदेश में हैं, उन्हें तिब्बत और चीन में पीड़ित लोगों की आवाज़ बनना चाहिए। हमें चीनी सरकार के कुकर्मों को उजागर करना चाहिए।’ प्रदर्शनकारियों द्वारा गाए गए एक गीत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘जैसा कि आपके गीत में कहा गया है कि शैतान के बुरे कामों को सूरज के सामने उजागर किया जाना चाहिए।’ इसी तरह से हमें दुनिया को चीनी सरकार के गलत कामों से अवगत कराने की आवश्यकता है।’
अपने भाषण का समापन करते हुए सांगेय क्याब ने प्रदर्शनकारियों को अपने संघर्ष में दृढ़ बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा, ‘हम तिब्बती ६६ वर्षों से निर्वासन में हैं। हम संघर्ष करना जारी रखे हुए हैं। आप केवल कुछ वर्षों से निर्वासन में हैं। हिम्मत मत हारिए। कृपया मज़बूत बने रहिए। अगर हम एक साथ अभियान चलाते हैं तो हमारे पास बहुत ताकत होगी। मुझे उम्मीद है कि हम भविष्य में और अधिक सहयोग कर सकते हैं।’
सुबह १० बजे से दोपहर ३ बजे तक चले इस विरोध-प्रदर्शन में ३० से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने चीनी सरकार की कड़ी आलोचना की और ‘हमें आज़ादी चाहिए’ और ‘धार्मिक विश्वास के लिए कोई सज़ा नहीं’ जैसे नारे लगाए।