प्रेस नोट
कोलकाता । चीन की आपत्तियों को दरकिनार कर राज्यपाल एमके नारायणन ने गुरुवार को तिब्बती अध्यात्मिक गुरू दलाई लामा के साथ एक सेमिनार में हिस्सा लिया। मदर टेरेसा की जन्म शत वार्षिकी के मौके पर दलाई लामा को मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एक कार्यक्रम में बुलाया गया था।
इस आयोजन में दलाई लामा को बुलाने पर आपत्ति जताते हुए चीनी दूतावास ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल एमके नारायण को पत्र भेजकर आयोजन से “दूर रहने” का सुझाव दिया था।
दलाई लामा ने कोलकाता में भारतीय प्रबंधन संस्थान के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। इस घटनाक्रम पर दलाई लामा ने कहा कि उनके आयोजनों को लेकर चीन की आपत्तियां अब रुटीन का हिस्सा बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि चीन के अधिकारी मुझे दानव समझते हैं। जबकि, चीन में लाखों ऐसे समर्थक हैं, जो तिब्बत को स्वाधीन देखना चाहते हैं।” उन्होंने अपनी कोलकाता यात्रा को राजनीतिक रंग देने पर आपत्ति जताते हुए कहा- अब मैं निर्वासित तिब्बती सरकार का मुखिया नहीं रहा।
इस प्रकरण पर नारायणन ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। तृणमूल कांग्रेस की ओर से मिशनरीज ऑफ चैरिटी के आयोजन में राज्यसभा के सांसद डेरेक ओ”ब्रायन ने भाग लिया। यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी आमंत्रित थीं लेकिन अपनी मां के अस्पताल में भर्ती होने के कारण वह नहीं आ सकीं।