(तिब्बती प्रदर्शनकारियों के रिश्तेदारो को विश्वविद्यालय की परीक्षाओं और नौकरी के अवसरों से वंचित किया जाता है)
rfa.org / ०५ अप्रैल, २०२३
संग्याल कुंचोक
तिब्बत के दो सूत्रों ने ‘रेडियो फ्री एशिया’ को बताया कि चीनी अधिकारी उन तिब्बतियों के रिश्तेदारों को परेशान कर रहे हैं और उनके साथ भेदभाव कर रहे हैं, जिन्होंने २००८ के चीनी शासन का विरोध करते हुए अपने को आग के हवाले कर दिया।
सूत्रों ने उदाहरण देते हुए बताया कि ऐसे कई प्रदर्शनकारियों के रिश्तेदार छात्रों को विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा देने से वंचित कर दिया गया है, जबकि कई अन्य को नौकरी के अवसरों से वंचित कर दिया गया है। लाब्रांग (चीनी : लैबुलेंग) के एक सूत्र ने रेडियो फ्री एशिया की तिब्बती सेवा को बताया, ‘यहां एक छात्र है जो २०१३ में आत्मदाह करने वाले व्यक्ति का रिश्तेदार है।‘ उन्होंने कहा, ‘वह यहां इसलिए है कि छात्र को विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए सरकार की ओर से प्रवेश- पत्र देने से वंचित कर दिया गया था और इसलिए वह छात्र कभी विश्वविद्यालय नहीं जा सका। मैंने स्वयं इस बात का गवाह हूं।‘
उन्होंने कहा, ‘तिब्बतियों ने २००८ की जनक्रांति में भाग लिया था और जो लोग उस जनक्रांति का हिस्सा थे, उनके साथ नौकरी के अवसरों, स्कूलों में और अन्य तरीकों से भेदभाव किया जाता है।‘ रॉयटर्स के अनुसार, २०१३ में चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में एक पोल पर आत्मदाह के बारे में एक नोटिस चस्पा किया गया था’ इसमें आत्मदाह को लेकर ‘विचार देने (मास्टरमाइंडिंग), आत्मदाह का समर्थन करने, इसके लिए लोगों को उकसाने और दूसरों को आत्मदाह करने के लिए मजबूर करनेवालों’ के बारे में जानकारी देने पर १,००,००० युआन (१६,३१९ अमेरिकी डॉलर) का इनाम देने की घोषणा की गई थी। बीजिंग उन लोगों के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र कर रहा है, जिन्होंने तिब्बत समर्थक राजनीतिक गतिविधियों, विशेष रूप से १९५९ की तिब्बती जनक्रांति की वर्षगांठ पर २००८ में हुए प्रदर्शनों में भाग लिया। चीनी अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध- प्रदर्शनों को कुचलने के दौरान ४०० से अधिक तिब्बती मारे गए थे। २००९ के बाद से चीनी कम्युनिस्ट सरकार के दमन के विरोध में १५८ तिब्बतियों ने आत्मदाह कर लिया है। अधिकांश आत्मदाह न्गाबा (चीनी: अबा) और लाब्रांग क्षेत्रों में हुए।
चीनी सरकार प्रदर्शनकारियों और उनके परिवार के सदस्यों के बारे में सारा विवरण आसानी से उपलब्ध ऑनलाइन डेटाबेस में रखती है। न्गाबा के एक अन्य तिब्बती ने कहा कि चीनी सरकार नियमित रूप से प्रदर्शनकारियों के रिश्तेदारों को परेशान करती है।
न्गाबा के सूत्र ने कहा, ‘२०२२ में चीनी सरकार ने एक तिब्बती को लगातार परेशान किया और उसके बारे में छानबीन करती रही जो न्गाबा में आत्मदाह करने वाले व्यक्ति का भतीजा है। इस तिब्बती पर तिब्बत के बाहर के लोगों से संपर्क करने का आरोप लगाया गया और तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई। इसके बाद उनके परिवार के सदस्यों को मिलने वाली सभी सरकारी सहायता से वंचित कर दिया गया।
लाब्रांग के सूत्र ने कहा कि सरकार पूर्व राजनीतिक कैदियों के प्रति और भी कठोर है। सूत्र ने कहा कि उन लोगों की जांच लगातार चलती ही रहती है, उनका जीवन कभी भी सामान्य नहीं होता है और जब वे दूसरे स्थानों या शहरों में जाते हैं तो उन्हें वहां ठहरने से भी मना कर दिया जाता है।‘
‘तिब्बतियों को उन गतिविधियों के लिए दोषी ठहराया जाता है, जिन्हें चीनी सरकार अवैध मानती है। ऐसे लोगों के साथ अक्सर भेदभाव किया जाता है और उन्हें उचित चिकित्सा देखभाल से वंचित कर दिया जाता है। उन्हें सरकार से वित्तीय सहायता से भी वंचित किया जाता है।‘