चीन में पार्टी कांग्रेस के बाद ‘अपराधों पर नकेल’ के १०० दिन और तिब्बत
savetibet.org
१२ अक्तूबर, २०२२
चीन के सुरक्षा मंत्रालय ने समाज में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, दिव्यांगों और कमजोर वर्गों के खिलाफ होनेवाले अपराधों से संबंधित अवैध गतिविधियों पर प्रहार करने के लिए २५ जून २०२२ को‘हंड्रेड डेज़ एक्शन (कार्रवाई के सौ दिन)’नाम से १००दिवसीय कार्रवाई शुरू की। दरअसल १०जून को हेबेई प्रांत के तांगशेन शहर के लुबेई जिले में चार महिलाओं पर हमले के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस की निष्क्रियता पर लोगों के आक्रोश की खबरें आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों की यह कार्रवाई अपराधी गिरोहों को निशाना बनाने वाले अभियान के तौर पर चलने लगी। हालांकि,यह अभियान आगामी १६ अक्तूबर से शुरू हो रही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की २०वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के मद्देनजर धीरे-धीरे ‘शांति स्थापित’करनेवाला अभियान भर बनकर रह गया। २०वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के साए में तिब्बत मेंपिछले महीनों में स्पष्ट रूप से राजनीति से प्रेरित कई गिरफ्तारियों की सूचनाएं मिली हैं।
हर पांच साल में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय कांग्रेस में शासन की योजनाओं और प्राथमिकताओं पर चर्चा होगी। बैठक के दौरानशी जिनपिंग को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव के रूप में एक अभूतपूर्व तीसरा कार्यकाल दिया जानेवाला है।
अपराध के खिलाफ १००दिवसीय अभियान २५ जून, २०२२ को शुरू हुआ और तदनुसार इसे पिछले सप्ताह समाप्त होना था। इसका ध्यान सामूहिक अपराधों से लेकर तथाकथित ‘अलगाववादी’गतिविधियों तक पर नकेल कसने पर केंद्रित है। अभियान के दौरानदलाई लामा की तस्वीरें रखने या विदेशों में संपर्क रखने या वहां किसी परिजन के साथ जानकारी साझा करने के लिए कई तिब्बतियों को कथित तौर पर गिरफ्तार किया गया है।
१००दिनों के अभियान से पता चलता है किएक बार फिरचीनी अधिकारी मनमाने ढंग सेअंधाधुंध तरीके से और बिना किसी जवाबदेही के तिब्बत के अंदर तिब्बतियों की स्वतंत्रता को कुचलने के लिए एक अस्पष्ट मिशन चला रहे हैं। यह १००दिवसीय कार्रवाई और तिब्बतियों को नियंत्रित करने और चुप कराने के इसके प्रयास पहले से ही २०वीं पार्टी कांग्रेस के मद्देनजर सुरक्षा और स्थिरता रखरखाव योजना में परिवर्तित और रूपांतरित हो चुके हैं।
चीनी सरकार ने कांग्रेस की तैयारियों से लिए पहले से अपनाई रणनीतियों से हटकरकठोर भाषा और स्पष्ट रूप से अपने इरादे बता दिए हैं जो स्पष्ट रूप से ‘अलगाववादियों’, ‘दलाई गिरोह’और ‘चीन विरोधी पश्चिमी ताकतों’की ओर उंगली उठाती है। इसके लिए राजनीतिक और कानूनी तंत्र के उपयोग पर जोर देने को लेकर इसने अस्पष्ट और सामान्य भाषा का इस्तेमाल किया है। इसमें कहा गया है कि, ‘इस बात की सख्त निगरानी रखी जाए कि केंद्र सरकार को कोई परेशानी नहीं हो, कोई अराजकता नहींफैले। इस बारे में छोटी से छोटी बातों पर भी गंभीरता से निरीक्षण और पर्यवेक्षण किया जाए और प्रमुख क्षेत्रों परनजर रखें। किसी भी तरह की प्रत्यक्ष और परोक्ष समस्याओं का समयबद्ध तरीके से पता लगाएं और तुरंत उसका समाधान करें। साथ ही बड़ी कठोर अनुशासन के साथ इन समाधानों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।‘
आलोचकों को चुप कराने और सरकार की अक्षमता से ध्यान भटकाने का अभियान
पूरे चीन में बढ़ते अपराध की आशंकाओं के बावजूदसार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय में सुरक्षा प्रशासन ब्यूरो के प्रमुख किउ बाओली ने इस साल की पहली छमाही में बताया कि देश भर में आपराधिक मामलों में साल दर साल १६.३ प्रतिशत की गिरावट आई हैऔर लोगों की सुरक्षा की भावना में लगातार बेहतरी आई है। अपराध की घटनाओं में कथित कमी और सामूहिक हिंसा, धोखाधड़ी और अलगाववाद पर ध्यान केंद्रित करने के प्रचार के बावजूदयह संदेह पैदा होता है कि १००दिवसीय अभियान अन्य कारणों से शुरू किया गया हो सकता है।जैसे कि २०वीं पार्टी कांग्रेस से पहले स्थिरता को लागू करना या उन नागरिकों को आश्वस्त करना,जो महामारी के दौरान सरकार द्वारा लागू पृथकवास नीति की क्रूरता और उदासीनता से निराशा महसूस करते हैं।
सितंबर के अंत मेंअभियान की समाप्ति की मूल तिथि से एक सप्ताह पहलेचीन के सरकारी समाचार-पत्र ‘चाइना डेली’ने रिपोर्ट प्रकाशित की कि अपराध के खिलाफ देशव्यापी कार्रवाई के दौरान ‘पुलिस ने लगभग ६,४०,०००आपराधिक मामलों को सुलझाया और १४ लाख संदिग्धों को हिरासत में लिया।‘अखबार में छपी इस रिपोर्ट में सुरक्षा प्रशासन ब्यूरो के प्रमुख ने नई निवारक पुलिसिंग क्षमताओं के बारे में भी शेखी बघारते हुए कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा रोकथाम और नियंत्रण प्रणाली से विकास में तेजी आई है।‘
‘१०० दिवसीय अभियान’का स्थानीय संस्करण
तिब्बत और अन्य तथाकथित ‘अल्पसंख्यक’क्षेत्रों में अभियान को जाहिर तौर पर अधिकारियों के लिए सुरक्षा छतरी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि वे असहमतिपूर्ण विचार रखने वालों पर अपनी कार्रवाई तेज कर सकें।
इस तरह के स्थानीय संस्करण झिंझियांग (उग्यूरों को पूर्वी तुर्केस्तान के रूप में जाना जाता है) में अगस्त की शुरुआत में लागू किए गए थे। उदाहरण के लिए, जब राष्ट्रव्यापी ‘१००दिवसीय अपराध विरोधी अभियान’चोरी जैसे अपराधों पर केंद्रित था, तब अमेरिकी प्रसारक रेडियो फ्री एशिया ने बताया कि झिंझियांग के अधिकारी कथित रूप से ‘विश्वासघाती’उग्यूरों को निशाना बना रहे हैं जिन्हें ‘धार्मिक चरमपंथी,अलगाववादी,आतंकवादी और दो चेहरे वाले व्यक्ति’के रूप में देखा जाता है।‘दक्षिण-पश्चिमी झिंझियांग के एक प्रमुख शहर होटन (चीनी: हेटियन) में एक पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि, ‘इस ऑपरेशन में जेबकतरे और चोर हमारे मुख्य निशाने पर नहीं बल्कि दूसरी प्राथमिकता पर हैं। मुख्य निशाने पर वे हैं,जिनका मैंने पहले उल्लेख (अविश्वसनीय उइगर) किया था।‘
तिब्बत में ‘अपराध पर नकेल’कसने के उदाहरण
भारत में ऑनलाइन प्रकाशित एक तिब्बती-भाषा समाचार साइट- तिब्बत टाइम्स के अनुसार, तिब्बत की राजधानी ल्हासा में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जोरों पर है।ल्हासा पुलिस बल में पुलिस की तैनाती बढ़ रही है। इसके कारण पुलिस की मनमानी तलाशी और निगरानी और अधिक बढ़ी हुई है। इसके परिणामस्वरूप तिब्बतियों की मनमानी और अनौपचारिक हिरासत में भी बढोतरी हुई है।
तिब्बत में‘१००दिवसीय अभियान’डिजिटल मोड में भी काफी तेज हुआ और इसने सुर्खियां बटोरी है। पिछले कुछ महीनों मेंचीनी सरकार ने तिब्बती में बैनर पोस्ट किए हैं,जिसमें लिखा है- ‘लोगों के लिए डिजिटल सुरक्षा, डिजिटल सुरक्षा लोगों पर निर्भर करती है’। उन्होंने स्थानीय तिब्बतियों के साथ बैठकें भी की हैं, जिसमें देश के बाहर परिवार के सदस्यों और व्यापारिक साझेदारों से संपर्क न करने की चेतावनी दी गई है।
इसके अलावातिब्बत में लोगों को मनमाने तरीके से हिरासत में लिए जाने और गायब कर देने के कई मामले सामने आए हैं। ३१ जुलाई कोनिर्वासित तिब्बती मीडिया आउटलेट- ‘वॉइस ऑफ तिब्बत’ने बताया कि तिब्बत में ‘१००दिनों के अभियान’के दौरान तथाकथित तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के छह तिब्बतियों को अज्ञात कारणों से हिरासत में लिया गया। १२ अगस्त कोसेरनी जिले के कर्मा समदुप को दलाई लामा की फोटो वाला लॉकेट पहनने और अपनी कार में दलाई लामा की तस्वीरें रखने के लिए गिरफ्तार किया गया था। १३ अगस्त कोनागचू शहर से एक मां- बेटी की जोड़ी को गिरफ्तार किया गया। बेटी को बाहरी लोगों से संपर्क करने और अवैध तस्वीरें साझा करने के आरोप में एकांतवास हिरासत में रखा गया।
इसके अलावाहाल में दमनकारी कोविड-१९ प्रतिबंधों की जानकारी और ऑडियो-विजुअल सामग्री कथित तौर पर साझा करने के आरोप में सात तिब्बतियों की गिरफ्तारीको भी ‘१००दिवसीय अभियान’के तहत मामलों में गिना जा सकता है।
तिब्बत में २०१८–२१ के बीच के तीन साल तक चले दमन की पुनरावृत्ति
तिब्बत और झिंझियांग में चल रहे इस अभियान की प्रकृति की तुलना जनवरी २०१८ से २०२१ तक चले ‘स्वीप अवे ब्लैक एंड एलिमिनेट एविल (अंधकार दूर भगाओ और बुराई को मिटाओ)’अभियान की कार्रवाई से की जा सकती है। वास्तव में तिब्बत और झिंझियांग में अपराधों पर नकेल कसने का तीन साल तक वह विशेष अभियान चल रहा था तभी वर्तमान अभियान की शुरुआत की गई थी। तीन साल की कार्रवाई में संगठित अपराधों के साथ-साथ ‘सामाजिक गड़बड़ियों’को भी खत्म करने का लक्ष्य रखा गया था। उस दौरान यह नारा आम हो चुका था, जिसमें लिखा होता था, ‘व्हेयर देयर इज ब्लैक,स्वीप इट,व्हेयर देयर इज नो ब्लैक,एलिमिनेट एविल एंड व्हेयर देयर इज नो एविल,क्योर डिसऑर्डर (जहां काला है, उसे साफ करो। जहां काला नहीं है, वहां बुराई को खत्म करो और जहां बुराई नहीं है, वहां विकार का इलाज करो)’।
चीनी सरकारी समाचार एजेंसी- ‘शिन्हुआ’ ने बताया कि मार्च- २०१९ के अंत तक अभियान के तहत ७९,०१८ लोगों से जुड़े ‘काले और बुरे’ गतिविधियों के १४,२२६ मामलों का खुलासा किया गया था। ‘काली और बुरी’ ताकतों के खिलाफ इस अभियान के तहत पर्यावरण और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्या सेंगद्रा को दिसंबर २०१९ में विशेष रूप से सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।