[मंगलवार, 12 अक्तूबर, 2010 | स्रोत : webdunia]
टोक्यो, मंगलवार, 12 अक्टूबर 2010( 00:01 IST ) निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने जेल में बंद विद्रोही लियु शियाआबो को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद चीन द्वारा की जा रही आलोचना पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए सोमवार को कहा कि बीजिंग को चाहिए कि वह स्वयं को पारदर्शी समाज में बदले। तिब्बती नेता ने मुंबई से अमेरिका जाते समय नरीता अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर क्योदो समाचार एजेंसी से कहा कि कुल मिलाकर चीन सरकार विभिन्न प्रकार के नजरियों को महत्व नहीं देती। वर्ष 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके दलाई लामा ने कहा कि चीन सरकार को एक खुला पारदर्शी समाज बनाने के लिए खुद को बदलना चाहिए और चीन के लोगों को बचाने का यही एकमात्र तरीका है। लियु वर्तमान में जेल में बंद हैं। इस बारे में पूछे जाने पर दलाई लामा ने कहा कि चीन को खुद को बदलना होगा। उनके अनुसार खुद प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ कह चुके हैं कि राजनीतिक बदलाव जरूरी हैं। गौरतलब है कि चीन सरकार ने लियु को ‘एक अपराधी’ कहा है और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुने जाने पर नार्वे की नोबेल समिति की आलोचना की है। (भाषा) संबंधित जानकारी खोजें