तिब्बतनरिव्यू.नेट, 01 अप्रैल, 2019
चीन का कहना है कि उसने यांग्त्ज़ी नदी के ऊपरी हिस्से के जिंशा नदी (तिब्बती: द्रिचु) पर 2,240 मेगावाट के जलविद्युत स्टेशन की मुख्य संरचना बनाने का काम शुरू कर दिया है। चीन के सरकारी शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की 31 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार, भवन निर्माण कार्य की तैयारी के लिए 30 मार्च को निर्माण स्थल के ऊपर एक कॉफ़र बांध बनाया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि येबातन हाइड्रोपावर स्टेशन बाईयु (पल्युल) काउंटी के जंक्शन पर स्थित है जो अब तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में सिचुआन प्रांत और कोंजो (गोंजो) काउंटी का हिस्सा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जल विद्युत स्टेशन पूरा होने पर जिंशा नदी के ऊपरी हिस्से में सबसे बड़ा स्टेशन होगा, जिसमें प्रति वर्ष लगभग 10.2 अरब किलोवाट घंटा बिजली पैदा होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह परियोजना चाइना हुआदियान कॉरपोरेशन द्वारा कुल 33.4 अरब युआन (लगभग 5 अरब अमेरिकी डॉलर) के निवेश से बनाई जा रही है और इसकी पहली जनरेटिंग यूनिट से 2025 में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
इससे पहले जनवरी 2019 में बताया गया था कि चीन ने जिंशा नदी के ऊपर तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) और सिचुआन प्रांत के तिब्बती प्रीफेक्चर कर्ज़े के बीच जंक्शन पर अपने सबसे ऊंचे बांधों में से एक के निर्माण को मंजूरी दी है। देश के आधिकारिक chinadaily.com.cn की 16 जनवरी की रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन के शीर्ष आर्थिक नियामक ‘राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग’ ने 15 जनवरी को कहा कि इस निर्माण को मंजूरी दे दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 239 मीटर (784 फीट) लंबी लावा जलविद्युत परियोजना में कुल निवेश 30.97 अरब युआन (4.59 अरब डॉलर) होगा। यह बताया गया कि हुआदियान ग्रुप कंपनी लिमिटेड की इस परियोजना में 48 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इसमें स्थानीय प्रांतीय फर्मों द्वारा भी थोड़ी-बहुत हिस्सेदारी खरीदी जाएगी।