तिब्बतनरिव्यू.नेट, 10 फरवरी, 2019
तिब्बती जीवन के सभी पहलुओं का चीनीकरण करने के अपने चल रहे अभियान के तहत चीन ने जातीय अल्पसंख्यक समूह के समारोहों पर प्रतिबंध लगाने के तरीके को लागू कर दिया हैं। इसी के तहत इस साल 5 फरवरी से शुरू होने वाले तिब्बत के पारंपरिक नव वर्ष लोसार को प्रतिबंधित कर दिया है।
तिब्बती सेवा rfa.org की 08 फरवरी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तिब्बत की राजधानी ल्हासा में पुलिस ने सड़कों को भर दिया और सरकारी कर्मचारियों को मठों में जाने के लिए मना किया गया था।
इस साल के लोसार के अवसर पर चीनी अधिकारियों द्वारा तिब्बतियों को बीजिंग के प्रति अपनी निष्ठा जताने का आग्रह किया गया और तिब्बती सरकार के कार्यकर्ताओं को ‘धार्मिक विश्वास को नुकसान पहुंचाने और गुप्त रूप से पूजा करने’ का आरोप लगाते हुए आलोचना की गई। रिपोर्ट में एक ल्हासा निवासी को यह कहते हुए उद्धृत किया गया था।
चमडो शहर के मार्खम काउंटी में चीनी पुलिस को तिब्बत के पड़ोस में ‘लोगों के मूड और जमीन पर स्थिति का आकलन’ करने के लिए भेजा गया था, जबकि शहर में ही संभावित घटनाओं को रोकने के लिए एक क्लैंपडाउन लगाया गया था। इसी तरह, चीनी सरकारी कार्यालयों में काम कर रहे तिब्बतियों को बताया गया था कि वे लोसार के दौरान पूजा करने के लिए मठों में न जाएं। हालांकि, कई तिब्बती कर्मचारियों ने आदेश की अवहेलना की और तीसरे दिन मठों में जाकर दर्शन-पूजन भी किया।
रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि सिचुआन प्रांत के सेर्ता काउंटी में तिब्बती सरकार के कार्यकर्ताओं को पारंपरिक अवकाश के दौरान काम करने और इसकी रिपोर्ट करने के लिए कहा गया ताकि वे पारंपरिक लोसार त्योहार मनाने के लिए अपने गृहनगर वापस नहीं जा सकें ।
कुछ लोगों ने कहा था कि काम से केवल एक छोटा सा ब्रेक दिया गया, जिसमें केवल लोसार से पहले का समय था और कुछ मामलों में लोसार के दौरान ब्रेक भी नहीं दिया गया।
रिपोर्ट में एक अनाम महिला के हवाले से लिखा गया है, ‘मेरे खुद के परिवार के सदस्य ल्हासा से चामडो में हमसे मिलने के लिए आना चाहते थे, लेकिन अपने विभाग से छुट्टी की अनुमति नहीं मिली।’ और वे यात्रा नहीं कर सकते थे क्योंकि लोसार के पहले दिन तक कार्यालय खुले थे और लोसार के दिन के पहले तक सभी ट्रेवल कंपनियां बंद थीं।
इस साल का लोसार उसी दिन पड़ा जिस दिन चीनी बसंत उत्सव था।