तिब्बतनरिव्यू.नेट, 07 अप्रैल, 2019
तिब्बत की राजधानी ल्हासा में पोटाला पैलेस के सामने एकल विरोध-प्रदर्शन करने के आरोप में चीन ने पिछले साल एक तिब्बती व्यक्ति को 18 साल की जेल की सजा सुनाई है। इस व्यक्ति ने 28 जनवरी 2018 को विरोध प्रदर्शन के साथ ही इस घटना का ‘कंपेन फॉर वर्ल्ड पीस’ की घोषणा करते हुए वीडियो संदेश भी बना लिया था। voanews.com ने 5 अप्रैल में बताया कि चीन ने उसके जेल में रखे जाने का कारण पूछने पर इसे बताने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह एक गोपनीय मामला है। 57 साल के लोदो ग्यामत्सो नाम के इस शख्स ने पहले ही दो मामलों में कुल 23 साल जेल की सजा काट ली है।
रिपोर्ट में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में नागचू शहर के पीपुल्स मिडिल कोर्ट के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि इस मामले के बारे में पूछे जाने पर उस अधिकारी ने कहा, ‘यह एक ऐसी बात है जो ‘राष्ट्रीय हित में गोपनीयता’ के अंतर्गत आती है।‘ अधिकारी ने कहा, ‘यहां तक कि अगर मुझे इस मामले के बारे में पता भी होगा तो मैं आपको इसके बारे में नहीं बता पाऊंगा क्योंकि यह राष्ट्रीय हित में गोपनीयता से संबंधित मामला है।‘
28 जनवरी, 2018 को उस प्रदर्शनकारी द्वारा रिकॉर्ड किया गया वीडियो संदेश सोशल मीडिया के माध्यम से जारी किया गया था। उनकी पत्नी गाक्यीग को दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है। उनके बारे में कहा गया था उन्होंने ही वीडियो रिकॉर्ड किया था। माना जाता है कि अक्टूबर-नवंबर 2018 में किसी समय इस दंपति को सजा सुनाई गई थी।
लादो ग्याम्सोडि के बारे में कहा जाता है कि उन्हें ल्हासा में 21 साल की जेल की सजा काटने के बाद 2013 में रिहा किया गया था। लेकिन विरोध प्रदर्शन करने के बाद उन्हें 2015 में दो और साल के लिए हिरासत में रखा गया था। वर्तमान में उन्हें कहां रखा गया है, यह अज्ञात है।