नई दुनिया, 18 जून 2015
इंदौर। तिब्बत और अरुणाचल प्रदेश पर कब्जा करने की चीन की नीयत को एक तीर्थयात्रा के जरिए चुनौती दी जा रही है। भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने चौथी तवांग तीर्थ यात्रा के लिए इंदौर के लोगों को न्योता दिया है।
हिमाचल केंद्रीय विवि के कुलपति और भारत-तिब्बत सहयोग मंच के मार्गदर्शक डॉ. कुलदीपचंद्र अग्निहोत्री बुधवार को इंदौर में थे।
डॉ. अग्निहोत्री के मुताबिक, नवंबर में गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर से शुरू होने वाली यह यात्रा अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले के अंतिम छोर बुमला तक जाएगी। यह गांव भारत और तिब्बत का संधि स्थल है। यहां पर यात्री देश की अखंडता कायम रखने की शपथ लेते हैं। साथ ही चीन द्वारा 1962 में छीनी गई जमीन को वापस लेने का संकल्प लेते हैं।
डॉ. अग्निहोत्री ने बताया कि यात्रा के अंतिम चरण में भारत-तिब्बत सीमा पर चीन के साथ हुए युद्ध में शहीद सैनिकों के स्मारक के दर्शन किए जाते हैं। यात्रा में तिब्बत के लोग भी शामिल होते हैं।