रॉयटर, साइमन लुईस, २८ जुलाई २०२१
नई दिल्ली, २८ जुलाई, रॉयटर। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को नई दिल्ली में दलाई लामा के एक प्रतिनिधि से मुलाकात की। इससे बीजिंग नाराज हो सकता है क्योंकि वह तिब्बती आध्यात्मिक नेता को खतरनाक अलगाववादी मानता है। विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ब्लिंकन ने कुछ देर तक न्गोडुप डोंगचुंग से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें दलाई लामा की ओर से साफा भेंट किया। डोंगचुंग केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं।
अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर संवाददाताओं से कहा, ‘दलाई लामा स्पष्ट रूप से विश्व स्तर पर सम्मानित आध्यात्मिक नेता हैं और इसलिए इस संकेत को कृतज्ञतापूर्वक ग्रहण किया गया और इसकी सराहना की गई।’
राष्ट्रपति बराक ओबामा के २०१६ में वाशिंगटन में दलाई लामा से मिलने के बाद से यह बैठक अमेरिका और तिब्बती अधिकारियों के बीच सबसे विशिष्ट संपर्क थी।
चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पर तत्काल टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। ज्ञातव्य है कि चीन ने १९५० में तिब्बत पर कब्जा कर लिया था, जिसे बीजिंग ‘शांतिपूर्ण मुक्ति’ कहता है। १९५९ में चीनी शासन के खिलाफ एक असफल विद्रोह के बाद दलाई लामा निर्वासन में भारत भाग गए। चीन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं की आलोचना के बीच विशेष रूप से अमेरिका से हाल के महीनों में सीटीए और तिब्बत समर्थक समूहों को अंतरराष्ट्रीय समर्थन में बढ़ावा मिला है। नवंबर में, निर्वासित तिब्बती सरकार के तत्कालीन प्रमुख लोबसांग सांगेय ने व्हाइट हाउस का दौरा किया था, जो पिछले छह दशकों में इस तरह की पहली यात्रा थी।
एक महीने बाद, अमेरिकी कांग्रेस ने ‘तिब्बत पॉलिसी एंड सपोर्ट ऐक्ट’ पारित किया, जो दलाई लामा के उत्तराधिकारी को चुनने के लिए तिब्बतियों के अधिकार को मान्यता देता है और तिब्बत की राजधानी ल्हासा में एक अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की स्थापना की मांग करता है।